
नेपाल (Nepal) में चल रहे जेनरेशन Z विरोध प्रदर्शनों के बीच, एक स्कूली छात्र का एक पुराना वीडियो (Nepal student old speech) ऑनलाइन वायरल हो रहा है जिसमें वह एक जोशीला भाषण दे रहा है. यह क्लिप, जिसमें ओरा नाम का एक लड़का दिखाई दे रहा है, उसके स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान रिकॉर्ड किया गया था.
वीडियो में, ओरा अपने भाषण की शुरुआत आशा और दृढ़ विश्वास से करते हैं. वे कहते हैं, "आज, मैं एक नए नेपाल के निर्माण के सपने के साथ यहां खड़ा हूं. मेरे भीतर आशा और जुनून की आग जल रही है, लेकिन मेरा दिल भारी है क्योंकि यह सपना धीरे-धीरे खत्म होता दिख रहा है."
‘नेपाल हमारी मां है...'
जैसे-जैसे उसका भाषण आगे बढ़ता है, उसके शब्द और भी तीखे होते जाते हैं. वे अपने विज़न को "इतिहास के क्रम में एक ‘ऐतिहासिक बदलाव' को नश्वर बनाने" की कोशिश बताता है. राष्ट्र को सीधे संबोधित करते हुए, वो आगे कहता है: "नेपाल, हमारी मां, जिस देश ने हमें जन्म दिया और हमारा पालन-पोषण किया, उसने बदले में क्या मांगा? बस हमारी ईमानदारी, हमारी कड़ी मेहनत, हमारा योगदान. लेकिन हम क्या कर रहे हैं?"
देखें Video:
Bro gave this "Jai Nepal" speech in March 2025.
— Incognito (@Incognito_qfs) September 9, 2025
And now six months later in September 2025, youth of Nepal is burning down houses of corrupt politicians. pic.twitter.com/k011ermx6Q
राजनीतिक दलों से नाराजगी
इसके बाद ओरा उन मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं जो देश को लगातार परेशान कर रहे हैं - राजनीतिक अस्थिरता, बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार. क्लिप में वे कहते हैं, "हम बेरोज़गारी की ज़ंजीरों में जकड़े हुए हैं, राजनीतिक दलों के स्वार्थी खेलों में फंसे हुए हैं. भ्रष्टाचार ने एक ऐसा जाल बुना है जो हमारे भविष्य की रोशनी बुझा रहा है." इसके अलावा, ओरा युवा पीढ़ी से बदलाव के वाहक बनने की अपील करते हैं. वे कहते हैं, "हम भविष्य के पथप्रदर्शक हैं. अगर हम अपनी आवाज़ नहीं उठाएंगे, तो कौन उठाएगा? अगर हम इस राष्ट्र का निर्माण नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? हम वो आग हैं जो अंधकार को जला देगी. हम वो तूफ़ान हैं जो अन्याय को मिटा देगा."
नेपाल में गतिरोध
यह भाषण ऐसे समय में वायरल हो रहा है जब नेपाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसका नेतृत्व जेन Z यानी युवा कर रहे हैं. ये विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब सरकार ने स्थानीय स्तर पर पंजीकरण न कराने के कारण फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया. कई लोग इस कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं और इसने व्यापक आक्रोश भड़का दिया है. प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें पहले ही जानलेवा हो चुकी हैं, इस हफ़्ते की शुरुआत में कई युवा प्रदर्शनकारियों की जान चली गई. पुलिस के साथ झड़पों में लगभग 200 लोगों के घायल होने की भी आशंका है. जन आक्रोश के कारण आखिरकार प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा, जिससे देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नाटकीय मोड़ आया.
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