कोलकाता (Kolkata) के टॉलीगंज मेट्रो स्टेशन के पास एक अनोखी कॉफी शॉप (Coffee Shop) ने अपने अनोखे और रचनात्मक माहौल के लिए इंटरनेट का ध्यान खींचा है. यह एक कार्टूनिस्ट (cartoonist) और स्केच आर्टिस्ट श्यामा प्रसाद डे की कहानी है, जिनका स्टॉल न केवल कैफीन बढ़ाने के अलावा और भी बहुत कुछ लोगों को देता है, बल्कि एक कलाकार की आत्मा के लिए एक सुखद स्थान भी प्रदान करता है, जिसने कठिनाइयों के तूफानों का सामना किया है.
डे की कहानी इंस्टाग्राम पर व्लॉगर आराधना चटर्जी द्वारा सामने लाई गई. डे की नीले रंग की दुकान का हर कोना उनके काम से सजा हुआ है, जिसमें सुलेख उद्धरण, मज़ेदार कार्टून और जटिल रेखाचित्र शामिल हैं.
कोविड-19 महामारी ने जीवन और आजीविका को बाधित कर दिया और डे भी उन्हीं लोगों में से थे. एक कार्टूनिस्ट के रूप में उनकी दिनचर्या बाधित हो गई थी, लेकिन आवश्यकता अक्सर आविष्कार की जननी होती है. उसी जुनून के साथ जो उन्होंने एक बार अपने कार्टूनों में डाला था, डे ने चाय और कॉफी बनाना शुरू कर दिया. उनकी छोटी सी दुकान, जो कभी किताबों और पत्रिकाओं की साधारण विक्रेता हुआ करती थी, अब एक तरह की आर्ट गैलरी में विकसित हो गई है, जो उनके कलात्मक लेंस के माध्यम से कोलकाता की जीवंत कहानी बयान करती है.
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यहां तक कि कागज के कपों पर भी उनकी रचनात्मकता की छाप है, जो कॉफी के प्रत्येक घूंट को और भी ज्यादा दिलचस्प बनाती है. चटर्जी का वीडियो वायरल हो गया है. यहां तक कि डे की बेटी सूर्याश्री ने भी कमेंट सेक्शन में अपने पिता की उपलब्धियों पर गर्व ज़ाहिर करते हुए अपना भावना ज़ाहिर की है.
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