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गुलमर्ग फैशन शो विवाद: आयोजकों ने मांगी माफी, बोले- हमारा इरादा केवल फैशन को बढ़ावा देना

गुलमर्ग में आयोजित फैशन शो पर विवाद के बाद आयोजकों ने दी सफाई, बोले- हमारी मंशा किसी की भावनाएं आहत करना नहीं थी.

गुलमर्ग फैशन शो विवाद: आयोजकों ने मांगी माफी, बोले- हमारा इरादा केवल फैशन को बढ़ावा देना

Designers apologise for Gulmarg show: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में हाल ही में आयोजित फैशन शो विवादों में घिर गया. आयोजन स्थल को लेकर कुछ लोगों ने विरोध जताया, जिसके बाद फैशन शो के आयोजकों ने माफी मांगते हुए सफाई दी. उन्होंने कहा कि इस इवेंट का मकसद सिर्फ फैशन और पर्यटन को बढ़ावा देना था. इस फैशन शो में मशहूर डिजाइनर शिवन और नरेश ने अपनी कलेक्शन पेश की, जिसमें जम्मू-कश्मीर की पारंपरिक खूबसूरती और मॉडर्न फैशन का संगम दिखा. शो में मौजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी राय रखी और विवाद पर प्रतिक्रिया दी.

विवाद की वजह क्या थी?  

गुलमर्ग को जम्मू-कश्मीर का स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन यह क्षेत्र लंबे समय से संवेदनशील मुद्दों से जुड़ा रहा है. फैशन शो को लेकर कुछ लोगों का मानना था कि ऐसे आयोजनों से स्थानीय संस्कृति और धार्मिक भावनाओं पर असर पड़ सकता है. सोशल मीडिया पर भी इस इवेंट को लेकर बहस छिड़ गई, जहां कुछ लोगों ने इसे सकारात्मक पहल बताया, तो कुछ ने आलोचना की. आलोचनाओं के बाद आयोजकों ने माफी मांगते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य केवल फैशन और पर्यटन को बढ़ावा देना था. किसी की भावनाएं आहत करना हमारा मकसद नहीं था."  

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शो में क्या खास था?  

फैशन शो में भारतीय फैशन इंडस्ट्री के नामी डिजाइनर्स ने भाग लिया. शिवन और नरेश की कलेक्शन में कश्मीरी शॉल, एंब्रॉयडरी और आधुनिक डिजाइन का बेहतरीन मेल दिखा. शो का आयोजन गुलमर्ग के खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों के बीच किया गया, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी.  

उमर अब्दुल्ला का बयान  

फैशन शो के दौरान उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, "गुलमर्ग में इस तरह के आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देंगे और कश्मीर को एक नए नजरिए से देखने का मौका मिलेगा." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है.  

फैशन इंडस्ट्री और पर्यटन को कैसे फायदा होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के फैशन शो से कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नए रूप में पेश किया जा सकता है. इससे न सिर्फ स्थानीय कारीगरों को पहचान मिलेगी, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी मजबूती मिलेगी. गुलमर्ग फैशन शो को लेकर उपजा विवाद इस बात की ओर इशारा करता है कि कश्मीर में होने वाले किसी भी आयोजन को लेकर सतर्कता और संवेदनशीलता जरूरी है. हालांकि, फैशन इंडस्ट्री और आयोजकों की मंशा सिर्फ पर्यटन और स्थानीय कारीगरी को प्रमोट करने की थी.

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