हम हमेशा सुनते या पढ़ते आए हैं कि गटर में जाने से सफाईकर्मियों की मौत होती है. गटर में बहुत ही ज़्यादा गंदगी होती है. कई सारे ज़हरीली गैसें बन जाती हैं. ऐसे में गटर के अंदर जाने का मतलब है अपनी जान दांव पर लगाना. भारत में गटर के अंदर जाने वाले सफाईकर्मियों के साथ दिक्कत है कि वो बिना सुरक्षा मानकों के अंदर ही चले जाते हैं. ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि वो अपनी जान से हाथ धो देते हैं. इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए IIT मद्रास के शोधकर्ताओं (IIT Madras researchers ) ने एक ख़ास तरह का रोबोट बनाया है, जो गटर यानी सेप्टिक टैंक की सफाई करेगा. इस रोबोट के कारण सफाईकर्मियों को सेप्टिक टैंक में नहीं उतरना पड़ेगा. द हिन्दू के अनुसार, इस रोबोट का नाम ‘होमोसेप' है. इसकी मदद से मैला ढोने का काम आसान किया गया है. अब गटर में गंदगी को साफ करने के लिए किसी भी इंसान को जाने की जरूरत नहीं है.
अमूमन देखा गया है कि सेप्टिक टैंक में उतरने के दौरान सफाईकर्मियों की मौत हो जाती है. ये बड़ा ही दुखदाई होता है.ऐसे में सफाईकर्मियों की ज़िंदगी बचाने के लिए इस रोबोट का निर्माण किया गया है. द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, परिक्षण के लिए यह रोबोट अब पूरी तरह से काम करने के लिए तैयार है. इसको लेकर शोधकर्ता स्थानों की पहचान करने के लिए सफाई कर्मियों के संपर्क में हैं, जिसके बाद चुने गए स्थानों पर इसे तैनात किया जाएगा.
IIT मद्रास के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के संकाय और प्रोजेक्ट के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर प्रभु राजगोपाल के नेतृत्व में इस होमोसेप रोबोट को पहली बार तैयार किया गया. इसे बनाने में तीन वर्ष का समय लग गया.
प्रोफेसर प्रभु राजगोपाल के मुताबिक “सेप्टिक टैंक एक जहरीला माहौल होता है. जो अर्द्ध ठोस और तरल मानव मल पदार्थ से भरा होता है. देश भर में प्रत्येक वर्ष सेप्टिक टैंकों में हाथ से सफाई करने के दौरान सैकड़ों मौतों हो जाती हैं, हालांकि इसे लेकर प्रतिबंध और निषेध संबंधी आदेश जारी कर रोकने की कोशिश की गई है.
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