सिडनी:
बच्चों को अगर किसी तपी हुई कार के अंदर बहुत थोड़े समय के लिए भी छोड़ दिया जाए तो उनका मस्तिष्क गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त हो सकता है या फिर उनकी मौत भी हो सकती है।
एक शोध के मुताबिक बाहर का तापमान अगर 29 डिग्री सेल्सियस है तब शीशे चढ़े होने की सूरत में 10 मिनट के भीतर उसके अंदर का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। 20 मिनट के अंतराल के बाद तो तापमान 60 डिग्री के बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है।
ला टोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर ओ मिएरा ने कहा, "कार के अंदर बंद होने पर बच्चे या फिर पालतू जानवर मर सकते हैं या फिर उनका मस्तिष्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है। बच्चों के शरीर में बहुत जल्दी पानी की कमी हो जाती है। इससे वे बेहोश हो सकते हैं और वे फिर कभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सकते।"
बीते 12 महीनों में करीब 1500 बच्चों को बंद कारों के अंदर से बचाया गया है। ओ मिएरा के मुताबिक सामान्य तापमान की स्थिति में भी कार के अंदर बंद होने पर बच्चों को अकेले बंद करने का असर घातक हो सकता है।
एक शोध के मुताबिक बाहर का तापमान अगर 29 डिग्री सेल्सियस है तब शीशे चढ़े होने की सूरत में 10 मिनट के भीतर उसके अंदर का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। 20 मिनट के अंतराल के बाद तो तापमान 60 डिग्री के बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच सकता है।
ला टोबे विश्वविद्यालय के शोधकर्ता पीटर ओ मिएरा ने कहा, "कार के अंदर बंद होने पर बच्चे या फिर पालतू जानवर मर सकते हैं या फिर उनका मस्तिष्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो सकता है। बच्चों के शरीर में बहुत जल्दी पानी की कमी हो जाती है। इससे वे बेहोश हो सकते हैं और वे फिर कभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो सकते।"
बीते 12 महीनों में करीब 1500 बच्चों को बंद कारों के अंदर से बचाया गया है। ओ मिएरा के मुताबिक सामान्य तापमान की स्थिति में भी कार के अंदर बंद होने पर बच्चों को अकेले बंद करने का असर घातक हो सकता है।