जयपुर:
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहे बाल विवाह पर अंकुश लगाने के लिए अब दूल्हा-दुल्हन की जन्मतिथि शादी के निमंत्रण कार्ड पर मुद्रित करवाना जरूरी हो गया है।
एक अधिकारी ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित इस नए नियम की जानकारी दी।
सरकार ने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधिक्षकों को इस नियम को लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
महिला और बाल कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी मुद्रण प्रेस मालिकों को वर एवं वधू दोनों के परिवारों से जन्मतिथि प्रमाणपत्र के आधार पर जन्म की तारीख सुनिश्चित करवाना होगा।
अधिकारी ने कहा "प्रिटिंग प्रेस के मालिक यदि यह पाएं कि दूल्हा या दूल्हन की उम्र शादी के लायक नहीं है, तो वह कार्ड छापने से इनकार कर दें।"
यह नियम पिछले वर्ष अप्रैल में प्रयोग के तौर पर केवल भरतपुर में लागू किया गया था।
अधिकारी ने कहा "इसके परिणाम बहुत ही उम्मदा आए, पिछले साल लगभग 50 बच्चों का विवाह रोका गया। यह नियम अब यह पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है।"
एक अधिकारी ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित इस नए नियम की जानकारी दी।
सरकार ने सभी जिला कलेक्टर और पुलिस अधिक्षकों को इस नियम को लागू करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं।
महिला और बाल कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी मुद्रण प्रेस मालिकों को वर एवं वधू दोनों के परिवारों से जन्मतिथि प्रमाणपत्र के आधार पर जन्म की तारीख सुनिश्चित करवाना होगा।
अधिकारी ने कहा "प्रिटिंग प्रेस के मालिक यदि यह पाएं कि दूल्हा या दूल्हन की उम्र शादी के लायक नहीं है, तो वह कार्ड छापने से इनकार कर दें।"
यह नियम पिछले वर्ष अप्रैल में प्रयोग के तौर पर केवल भरतपुर में लागू किया गया था।
अधिकारी ने कहा "इसके परिणाम बहुत ही उम्मदा आए, पिछले साल लगभग 50 बच्चों का विवाह रोका गया। यह नियम अब यह पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है।"
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