
रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि रविवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों के बाद “कई देश” अब ईरान को परमाणु हथियार देने के लिए तैयार हैं. X पर एक पोस्ट में, मेदवेदेव ने सुझाव दिया कि इस्फ़हान, नतांज़ और फ़ोर्डो में तीन साइटों पर संयुक्त राज्य अमेरिका के हमलों का उल्टा असर हुआ है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो हासिल करने का लक्ष्य रखा था, उसके विपरीत परिणाम सामने आए हैं.
मेदवेदेव के अनुसार, “परमाणु सामग्री का संवर्धन - और, अब हम इसे स्पष्ट रूप से कह सकते हैं, परमाणु हथियारों का भविष्य का उत्पादन - जारी रहेगा.”
अमेरिकी हमले नाकाम
What have the Americans accomplished with their nighttime strikes on three nuclear sites in Iran?
— Dmitry Medvedev (@MedvedevRussiaE) June 22, 2025
1. Critical infrastructure of the nuclear fuel cycle appears to have been unaffected or sustained only minor damage.
इसके अलावा, उन्होंने कहा, "कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियार आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं." मेदवेदेव ने 2020 से रूस की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है. उन्होंने आगे कहा कि "ईरान का राजनीतिक शासन बच गया है - और सभी संभावनाओं में, और भी मजबूत हो गया है," यह दावा करते हुए कि ईरानी "देश के आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो पहले इसके प्रति उदासीन या विरोधी थे." मेदवेदेव ने एक के बाद एक दस ट्वीट कर अमेरिकी हमलों को नाकाम बता दिया.
2. The enrichment of nuclear material — and, now we can say it outright, the future production of nuclear weapons — will continue.
— Dmitry Medvedev (@MedvedevRussiaE) June 22, 2025
3. A number of countries are ready to directly supply Iran with their own nuclear warheads.
रविवार को बाद में, यह बताया गया कि ट्रंप ईरानी धरती पर अमेरिकी हमलों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत करने वाले हैं.
रूस ने की कड़ी निंदा
रूस के विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि रूस ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा करता है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "किसी संप्रभु राज्य के क्षेत्र को मिसाइल और बम हमलों के अधीन करने का गैर-जिम्मेदाराना निर्णय, चाहे इसके लिए जो भी तर्क दिए जाएं, अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन करता है." मंत्रालय ने कहा, "हम आक्रामकता को समाप्त करने और स्थिति को राजनीतिक और कूटनीतिक ट्रैक पर वापस लाने के लिए परिस्थितियों को बनाने के लिए प्रयासों को बढ़ाने का आह्वान करते हैं."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं