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Iran

'Iran' - 988 News Result(s)
  • सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता

    सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता

    सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत होने के बाद पश्चिमी एशिया के पुराने दो दुश्मनों के बीच एक बार फिर से कटु प्रतिद्वंद्विता उभर रही है. सीरिया में ईरान और रूस की सबसे प्रभावशाली भूमिका के बजाय इजरायल और तुर्किये अपने परस्पर विरोधी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का अवसर तलाश रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के नेतृत्व में हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से खराब हुए हैं. इससे दोनों देशों के बीच सीरिया को लेकर कटु टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई है.

  • Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी

    Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी

    ईरान में हिजाब लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है. हिजाब का मुद्दा 70 साल पुराना है. 1979 से पहले ईरान बहुत ही खुला हुआ समाज था. वहां महिलाओं को वोटिंग राइट से लेकर शॉर्ट्स और बिकिनी पहनने की इजाजत थी. लेकिन, शाह के तख्तापलट के बाद सब कुछ बदल गया. हिजाब को महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया.

  • बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार

    बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार

    ईरान में इस्लामी शासन है और इस्लामी शासन में गाना बजाना पर रोक होती है. ऐसे में एक महिला का बिना हिजाब के गाना तो और बड़ा अपराध हो जाता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई होना तय होता है. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय ईरानी गायिका को बिना हिजाब पहने यूट्यूब पर एक वर्चुअल कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.

  • ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट

    ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट

    परस्तू अहमदी ने गुरुवार को अपना कॉन्सर्ट ऑनलाइन पोस्ट किया था और इसके बाद ही एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

  • साल 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों की हत्या हुई या उन पर हमले किए गए, सबसे ज्यादा केस अमेरिका में : सरकार

    साल 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों की हत्या हुई या उन पर हमले किए गए, सबसे ज्यादा केस अमेरिका में : सरकार

    पिछले साल विदेशों में 86 भारतीयों पर हमला किया गया या उनकी हत्या कर दी गई. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी. कीर्ति वर्धन सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आंकड़े साझा किए. उन्होंने पिछले तीन वर्षों के देशवार आंकड़े बताए. इनके अनुसार 2021 में 29, 2022 में 57 और 2023 में 86 ऐसे मामले हुए. यानी तीन सालों में क्रमश: मौतों के मामले बढ़े. 

  • इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा

    इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा

    हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) के लड़ाकों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया. इसी के साथ राष्ट्रपति बशर अल असद की 24 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया. क्या इस बार रूस और ईरान से सीरिया की तरफ से आंखें मूद लीं. अगर हां तो दोनों ने ऐसा क्यों किया.

  • Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?

    Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?

    मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.

  • सीरिया: दमिश्‍क पर बागियों का कब्जा, जानिए कौन हैं लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध के 8 'इंटरनेशनल खिलाड़ी'

    सीरिया: दमिश्‍क पर बागियों का कब्जा, जानिए कौन हैं लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध के 8 'इंटरनेशनल खिलाड़ी'

    सीरिया में पिछले कई सालों से गृहयुद्ध चल रहा है. 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सीरिया में भी लोकतांत्रिक परिवर्तन की मांग उठी थी जिसे सरकार ने दबा दिया था. जिसके बाद आंदोलन लगातार भड़कता ही चला गया. ताजा हालात यह हैं कि विद्रोहियों ने देश के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है.

  • लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़

    लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़

    युद्धविराम के बाद इजराइल (Israel) की सबसे बड़ी चुनौती लेबनान (Lebanon) में नहीं बल्कि अमेरिका और जर्मनी (United States and Germany) में है. क्या कारण इस पर बात करेंगे, लेकिन ऐसी स्थिति क्यों बनी पहले यह समझना जरूरी हो जाता है. इजरायल ने गाज़ा (Gaza) में हमास (Hamas) के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से हमले कर रहा है. फिर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त तक लेबनान पर भी इजरायल ने कई हमले किए ताकि हिजबुल्लाह (Hezbollah) लड़ाकों का सफाया किया जा सके. इस बीच में ईरान (Iran) और इजरायल ने एक दूसरे पर मिसाइल और लड़ाकू विमानों से हमले किए. इतने लंबे समय से गोला-बारूद, मिसाइलों से हमले, टैंकों का इस्तेमाल, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल और लड़ाकू हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करने से इजरायल का रक्षा तंत्र कुछ कमजोर होता जा रहा है.

  • हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर

    हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर

    लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया  कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है. 

  • ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म

    ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म

    ईरान के शीर्ष राजनयिक ने गुरुवार को द गार्जियन को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध फिर से लगाए तो ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने पर प्रतिबंध हटा सकता है.  ईरान शुक्रवार को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से मिलने वाला है. ईरानी राजनयिक ने इस बातचीत से पहले उक्त बात कही. इन तीनों सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा तेहरान की निंदा करवाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है.

  • लेबनान से साथ सीजफायर समझौते के लिए तैयार हुआ इजरायल, समझिए क्या है इसका मतलब 

    लेबनान से साथ सीजफायर समझौते के लिए तैयार हुआ इजरायल, समझिए क्या है इसका मतलब 

    इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम को लेकर हुआ समझौतार 27 नवंबर की आधी रात से लागू होगा.

  • ईरानी नेवी अधिकारी के खुलासे से इजरायल में खबराहट

    ईरानी नेवी अधिकारी के खुलासे से इजरायल में खबराहट

    ईरान और इजरायल में तनाव फिर बढ़ गया है. पिछले महीने की 26 तारीख को इजरायल ने ईरान के हमले का जवाब देते हुए हवाई हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने फिर जवाबी कार्रवाई की बात कही थी. अब पिछले महीने से अमेरिकी चुनाव के बाद परिस्थिति बदली हुई है. इजरायल को अंदेशा है कि ईरान बड़ा हमला कर सकता है. अब ईरान की नौसेना के एक अधिकारी ने कहा है कि ईरान ने अपनी नौसेना की ताकत को काफी बढ़ाया है. इस अधिकारी का कहना है कि ईरान के सबलान विध्वंसक (नेवल वॉर शिफ) ने हाल के मॉडल विकास के हिस्से के रूप में अपनी मिसाइल विविधता और रेंज को चौगुना कर दिया है.

  • निर्वस्त्रता को अपना अस्त्र घोषित करतीं ईरानी महिलाएं

    निर्वस्त्रता को अपना अस्त्र घोषित करतीं ईरानी महिलाएं

    क्या हिंदुस्तान में किसी महिला के नाखून काटने पर या बाल काटने पर यहां के समाज और सत्ता को डर लग सकता है? निश्चय ही यह सवाल ही मजाकिया लगता है! यहां ऐसी घटनाएं खबरों में आकर गायब हो जाएंगी, लोग इन बातों को हंसी-मजाक में उड़ा देंगे. नाख़ून काटने और बाल काटने में कोई अंतर नहीं. दोनों ही शरीर के अतिरिक्त हिस्से हैं जिसकी कटाई छंटाई अपने मनमुताबिक की जाती है. लेकिन यह मजाकिया लगने वाली बातें भी बड़े विद्रोह का माध्यम बन सकती है. अगर महिलाएं बाल काटकर प्रतिरोध कर रही हैं तो इससे समझा जा सकता है कि मजहबी कानूनों से संचालित देशों में इक्कीसवीं सदी में महिलाओं की हैसियत क्या है! दासता जितनी मजबूत होती है, प्रतिरोध के तरीके उतने छोटे और मजाकिया लगते हैं. ईरान की महिलाओं का विद्रोह उसकी दासता की चरम स्थिति को बताता है, इसलिए वहां महिलाओं के विरोध के तरीके भी ऐसे ही हैं. 

  • खामेनेई ने चुना उत्तराधिकारी! जानें कौन है मोजतबा जिसको मिल रही ईरान के सुप्रीम लीडर की गद्दी

    खामेनेई ने चुना उत्तराधिकारी! जानें कौन है मोजतबा जिसको मिल रही ईरान के सुप्रीम लीडर की गद्दी

    ईरान के सर्वोच्‍च नेता खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा को अपना उत्‍तराधिकारी चुन लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है. मोजतबा 1987 से 1988 तक ईरान-इराक युद्ध में भाग ले चुके हैं.

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  • सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता

    सीरिया के भविष्य को लेकर पश्चिन एशिया के पुराने दो दुश्मनों में बढ़ रही कटुता

    सीरिया में बशर अल-असद के शासन का अंत होने के बाद पश्चिमी एशिया के पुराने दो दुश्मनों के बीच एक बार फिर से कटु प्रतिद्वंद्विता उभर रही है. सीरिया में ईरान और रूस की सबसे प्रभावशाली भूमिका के बजाय इजरायल और तुर्किये अपने परस्पर विरोधी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने का अवसर तलाश रहे हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन के नेतृत्व में हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध तेजी से खराब हुए हैं. इससे दोनों देशों के बीच सीरिया को लेकर कटु टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई है.

  • Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी

    Explainer: कभी बिकिनी में बोल्ड दिखने वाली ईरानी महिलाओं के सिर पर कैसे आया हिजाब? क्या है इसकी कहानी

    ईरान में हिजाब लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है. हिजाब का मुद्दा 70 साल पुराना है. 1979 से पहले ईरान बहुत ही खुला हुआ समाज था. वहां महिलाओं को वोटिंग राइट से लेकर शॉर्ट्स और बिकिनी पहनने की इजाजत थी. लेकिन, शाह के तख्तापलट के बाद सब कुछ बदल गया. हिजाब को महिलाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया.

  • बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार

    बिना हिजाब के वर्चुअल कॉन्सर्ट में गाने पर ईरान की गायिका को किया गया गिरफ्तार

    ईरान में इस्लामी शासन है और इस्लामी शासन में गाना बजाना पर रोक होती है. ऐसे में एक महिला का बिना हिजाब के गाना तो और बड़ा अपराध हो जाता है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई होना तय होता है. टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, 27 वर्षीय ईरानी गायिका को बिना हिजाब पहने यूट्यूब पर एक वर्चुअल कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है.

  • ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट

    ईरान की सिंगर ने वर्चुअल कॉन्सर्ट में किया परफॉर्म, हिजाब नहीं पहनने पर हुई अरेस्ट

    परस्तू अहमदी ने गुरुवार को अपना कॉन्सर्ट ऑनलाइन पोस्ट किया था और इसके बाद ही एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

  • साल 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों की हत्या हुई या उन पर हमले किए गए, सबसे ज्यादा केस अमेरिका में : सरकार

    साल 2023 में विदेशों में 86 भारतीयों की हत्या हुई या उन पर हमले किए गए, सबसे ज्यादा केस अमेरिका में : सरकार

    पिछले साल विदेशों में 86 भारतीयों पर हमला किया गया या उनकी हत्या कर दी गई. विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी. कीर्ति वर्धन सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आंकड़े साझा किए. उन्होंने पिछले तीन वर्षों के देशवार आंकड़े बताए. इनके अनुसार 2021 में 29, 2022 में 57 और 2023 में 86 ऐसे मामले हुए. यानी तीन सालों में क्रमश: मौतों के मामले बढ़े. 

  • इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा

    इस बार बशर अल असद के साथ क्यों नहीं आए रूस और ईरान, भारत क्या करेगा

    हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएएस) के लड़ाकों ने रविवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा जमा लिया. इसी के साथ राष्ट्रपति बशर अल असद की 24 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया. क्या इस बार रूस और ईरान से सीरिया की तरफ से आंखें मूद लीं. अगर हां तो दोनों ने ऐसा क्यों किया.

  • Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?

    Explainer: सीरिया के पतन से मध्य पूर्व में शक्ति संतुलन पर क्या होगा असर?

    मध्य पूर्व में एक बड़े तख्ता पलट के तहत सीरिया में इस्लामी विद्रोहियों ने दमिश्क पर नियंत्रण करने के बाद रविवार को राष्ट्रपति बशर अल-असद को पद से हटाने की घोषणा कर दी. इससे असद को भागने पर मजबूर होना पड़ा. करीब 13 साल से अधिक समय तक चले गृहयुद्ध के बाद असद के परिवार के दशकों के शासन का अंत हो गया. बशर अल-असद का पतन क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखने वाले रूस और ईरान के लिए एक बड़ा झटका है. यह दोनों असद के ऐसे प्रमुख सहयोगी हैं जिन्होंने संघर्ष में महत्वपूर्ण दौर में उनका समर्थन किया था.

  • सीरिया: दमिश्‍क पर बागियों का कब्जा, जानिए कौन हैं लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध के 8 'इंटरनेशनल खिलाड़ी'

    सीरिया: दमिश्‍क पर बागियों का कब्जा, जानिए कौन हैं लंबे समय से चल रहे गृह युद्ध के 8 'इंटरनेशनल खिलाड़ी'

    सीरिया में पिछले कई सालों से गृहयुद्ध चल रहा है. 2011 में अरब स्प्रिंग के दौरान सीरिया में भी लोकतांत्रिक परिवर्तन की मांग उठी थी जिसे सरकार ने दबा दिया था. जिसके बाद आंदोलन लगातार भड़कता ही चला गया. ताजा हालात यह हैं कि विद्रोहियों ने देश के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है.

  • लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़

    लंबी लड़ाई के बाद इजरायल को चाहिए गोला-बारूद, दुनिया में मची हथियारों की होड़

    युद्धविराम के बाद इजराइल (Israel) की सबसे बड़ी चुनौती लेबनान (Lebanon) में नहीं बल्कि अमेरिका और जर्मनी (United States and Germany) में है. क्या कारण इस पर बात करेंगे, लेकिन ऐसी स्थिति क्यों बनी पहले यह समझना जरूरी हो जाता है. इजरायल ने गाज़ा (Gaza) में हमास (Hamas) के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से हमले कर रहा है. फिर पिछले दो महीने से ज्यादा वक्त तक लेबनान पर भी इजरायल ने कई हमले किए ताकि हिजबुल्लाह (Hezbollah) लड़ाकों का सफाया किया जा सके. इस बीच में ईरान (Iran) और इजरायल ने एक दूसरे पर मिसाइल और लड़ाकू विमानों से हमले किए. इतने लंबे समय से गोला-बारूद, मिसाइलों से हमले, टैंकों का इस्तेमाल, लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल और लड़ाकू हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करने से इजरायल का रक्षा तंत्र कुछ कमजोर होता जा रहा है.

  • हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर

    हिजबुल्लाह का हो गया सफाया, इजरायल को फिर क्यों सता रहा वापसी का डर

    लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया  कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है. 

  • ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म

    ईरान की चेतावनी, यदि प्रतिबंध फिर से लागू किए तो वह न्यूक्लियर आर्म्स बेन कर सकता है खत्म

    ईरान के शीर्ष राजनयिक ने गुरुवार को द गार्जियन को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि यदि पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध फिर से लगाए तो ईरान परमाणु हथियार प्राप्त करने पर प्रतिबंध हटा सकता है.  ईरान शुक्रवार को अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के लिए ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से मिलने वाला है. ईरानी राजनयिक ने इस बातचीत से पहले उक्त बात कही. इन तीनों सरकारों ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था द्वारा तेहरान की निंदा करवाने के लिए अमेरिका के साथ हाथ मिलाया है.

  • लेबनान से साथ सीजफायर समझौते के लिए तैयार हुआ इजरायल, समझिए क्या है इसका मतलब 

    लेबनान से साथ सीजफायर समझौते के लिए तैयार हुआ इजरायल, समझिए क्या है इसका मतलब 

    इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्धविराम को लेकर हुआ समझौतार 27 नवंबर की आधी रात से लागू होगा.

  • ईरानी नेवी अधिकारी के खुलासे से इजरायल में खबराहट

    ईरानी नेवी अधिकारी के खुलासे से इजरायल में खबराहट

    ईरान और इजरायल में तनाव फिर बढ़ गया है. पिछले महीने की 26 तारीख को इजरायल ने ईरान के हमले का जवाब देते हुए हवाई हमला किया था. इसके जवाब में ईरान ने फिर जवाबी कार्रवाई की बात कही थी. अब पिछले महीने से अमेरिकी चुनाव के बाद परिस्थिति बदली हुई है. इजरायल को अंदेशा है कि ईरान बड़ा हमला कर सकता है. अब ईरान की नौसेना के एक अधिकारी ने कहा है कि ईरान ने अपनी नौसेना की ताकत को काफी बढ़ाया है. इस अधिकारी का कहना है कि ईरान के सबलान विध्वंसक (नेवल वॉर शिफ) ने हाल के मॉडल विकास के हिस्से के रूप में अपनी मिसाइल विविधता और रेंज को चौगुना कर दिया है.

  • निर्वस्त्रता को अपना अस्त्र घोषित करतीं ईरानी महिलाएं

    निर्वस्त्रता को अपना अस्त्र घोषित करतीं ईरानी महिलाएं

    क्या हिंदुस्तान में किसी महिला के नाखून काटने पर या बाल काटने पर यहां के समाज और सत्ता को डर लग सकता है? निश्चय ही यह सवाल ही मजाकिया लगता है! यहां ऐसी घटनाएं खबरों में आकर गायब हो जाएंगी, लोग इन बातों को हंसी-मजाक में उड़ा देंगे. नाख़ून काटने और बाल काटने में कोई अंतर नहीं. दोनों ही शरीर के अतिरिक्त हिस्से हैं जिसकी कटाई छंटाई अपने मनमुताबिक की जाती है. लेकिन यह मजाकिया लगने वाली बातें भी बड़े विद्रोह का माध्यम बन सकती है. अगर महिलाएं बाल काटकर प्रतिरोध कर रही हैं तो इससे समझा जा सकता है कि मजहबी कानूनों से संचालित देशों में इक्कीसवीं सदी में महिलाओं की हैसियत क्या है! दासता जितनी मजबूत होती है, प्रतिरोध के तरीके उतने छोटे और मजाकिया लगते हैं. ईरान की महिलाओं का विद्रोह उसकी दासता की चरम स्थिति को बताता है, इसलिए वहां महिलाओं के विरोध के तरीके भी ऐसे ही हैं. 

  • खामेनेई ने चुना उत्तराधिकारी! जानें कौन है मोजतबा जिसको मिल रही ईरान के सुप्रीम लीडर की गद्दी

    खामेनेई ने चुना उत्तराधिकारी! जानें कौन है मोजतबा जिसको मिल रही ईरान के सुप्रीम लीडर की गद्दी

    ईरान के सर्वोच्‍च नेता खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा को अपना उत्‍तराधिकारी चुन लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है. मोजतबा 1987 से 1988 तक ईरान-इराक युद्ध में भाग ले चुके हैं.

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