पिछले सात सालों से फ़िनलैंड वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में दुनिया का सबसे ख़ुश देश बना हुआ है. यानी फ़िनलैंड के नागरिक दुनिया के सबसे ख़ुश नागरिक हैं. डेनमार्क दूसरे नंबर पर, आइसलैंड तीसरे और स्वीडेन चौथे नंबर पर है. सवाल है कि आख़िर फ़िनलैंड दुनिया का सबसे अधिक ख़ुश देश क्यों है? वो भी एक ऐसा देश जहां क़रीब 200 दिन ठंड का मौसम होता है. बर्फ़बारी ऐसी कि जीवन मुहाल हो जाए. सूरज का चेहरा देखे बग़ैर हफ़्तों निकल जाता है. वहीं गर्मी के दिनों में सूरज आधी रात के आसपास भी चमकता रहता है. लेकिन फ़िनलैंड को सिर्फ़ मौसम के आधार पर मापना सही नहीं. ऐसे बहुत से आधार हैं जिसके चलते फ़िनलैंड को दुनिया का सबसे ख़ुश देश माना गया है.
कैसे चुना जाता सबसे खुश देश
सबसे ख़ुश देश या हैप्पीयेस्ट कंट्री का ख़िताब अमेरिकी मल्टीनेशनल एनालिटिक्स एंड एजवाइज़री कंपनी गैलप, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का वेलबीइंग रिसर्च सेंटर और यून सस्टेनेबल डेवलपमेंट सोल्यूशंन्स नेटवर्क मिलजुल कर जारी करता है. सबसे ख़ुश देश के चयन के लिए ये मुख्यतौर पर 6 पैमाना अपनाते हैं. इनमें प्रतिव्यक्ति आय, स्वस्थ लंबी आयु, किसी भरोसेमंद का होना, जीवन में फ़ैसले लेने की आज़ादी, उदारता और भ्रष्टाचार से आज़ादी जैसे पैमाने शामिल हैं.
अगर स्वस्थ और लंबी आयु की बात करें तो फ़िनलैंड के लोगों की औसत आयु 81 साल से अधिक है. यहां स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल मुफ़्त हैं. हर किसी को एक उम्र के बाद पेंशन की व्यवस्था है. इनके सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत बेरोज़गारों को भी भत्ता दिया जाता है. फ़िनलैंड अपनी कुल सकल उत्पाद का 20 फ़ीसदी से अधिक हिस्सा इन सुविधाओं पर ख़र्च करता है जो कि किसी भी यूरोपीय देश से अधिक है.
2024 में फ़िनलैंड में प्रति व्यक्ति आय 47,211 अमेरिकी डॉलर बतायी गई है. हालांकि यहां अधिक आय वर्ग वालों को 50 फ़ीसदी तक टैक्स देना पड़ता है लेकिन लोग इसे ख़ुशी ख़ुशी देते हैं. क्योंकि टैक्स का पैसा न सिर्फ़ टैक्स देने वालों को मुफ़्त चिकित्सा सुविधा और पेंशन और बच्चों को मुफ़्त शिक्षा के काम आता है बल्कि उनके भी काम आता है जो बेरोज़गार हैं. या जो अपेक्षाकृत कमज़ोर आयवर्ग से आते हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं सबके लिए एक जैसी हैं.
लोगों के बीच आपसी भरोसा इस स्तर जानने के लिए हेलसिंकी शहर में 20 अलग-अलग जगहों पर 20 बटुआ लावारिस छोड़ दिया गया. इनमें से 19 बटुए के मालिक को वापस मिल गया.
यहां लैंगिक समानता एक बहुत बड़ी विशेषता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक़ फ़िनलैंड में अप्रैल 2023 के आंकड़े के मुताबिक़ संसद में 46 फ़ीसदी महिलाएं और नगरपालिका स्तर पर 40 फ़ीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है. लैंगिक समानता का आलम ये है कि यहां घरेलु काम के लिए जितना समय महिलाएं देती हैं उतना ही पुरुषों को भी देना होता है.
यहां का समाज फैमिली फ्रेंडली है. यहां गर्भवती महिला और साथ उनके पतियों को भी अवकाश दिए जाने की व्यवस्था है जो दुनिया के किसी भी देश से अधिक है.
फ़िनलैंड बेहद ही सुंदर देश है. माना जाता है कि यहां की ख़ूबसूरती, हरे भरे जंगल और स्वच्छ आबोहवा भी लोगों के जीवन को बेहतर बनाते हैं. हालांकि कि ये एक मात्र पैमाना नहीं है. हज़ार झीलों वाले देश के रूप में मशहूर फ़िनलैंड में सॉउना बाथ बहुत ही लोकप्रिय है और हर घर में इसका बंदोबस्त है.
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