प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काठमांडू में आयोजित सार्क सम्मेलन में कहा कि मैंने जो सपना भारत के लिए देखा है, वही दक्षिण एशिया के लिए भी देखता हूं। पीएम मोदी ने कहा, सभी देश चाहते हैं कि पड़ोसी अच्छे हों, क्योंकि अच्छा पड़ोसी विकास में सहायक होता है।
प्रधानमंत्री ने सार्क नेताओं से कहा, मैंने पूरे विश्व की शुभकामनाओं के साथ कार्यभार संभाला, लेकिन मुझे जिसने प्रेरित किया, वह आपकी निजी मौजूदगी थी।
मोदी ने सार्क सम्मेलन में कहा, आज जब हम मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले की भयावहता को याद कर रहे हैं, तो हमें जिंदगियां जाने का अपार दुख महसूस हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ महीनों में मैं दुनिया भर में घूमा हूं और लगभग सभी देशों की समस्याएं एक जैसी हैं। हम लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती विकास के पहाड़ पर चढ़ने की है। सार्क देशों में जाना महंगा है, सिंगापुर और बैंकॉक जाना सस्ता है।
मोदी ने कहा, सार्क देशों के करीब आने की गति धीमी है। मोदी ने कहा, जब भी हम सार्क देशों का ज़िक्र करते हैं, मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि हमें दो ही प्रतिक्रियाएं सुनने को मिलती हैं, निराशावाद और संशयवाद।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं जानता हूं कि भारत को ही नेतृत्व करना होगा, और हम अपनी भूमिका ज़रूर निभाएंगे। बुनियादी ढांचे का विकास भारत में मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पीएम मोदी ने कहा, हम (दक्षिण एशियाई देश) सभी पास-पास जरूर हैं, लेकिन साथ-साथ नहीं हैं, जबकि हमें समझना चाहिए कि साथ आ जाने से हम सबकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
पीएम मोदी ने कहा, अगर हम एक-दूसरे के गांवों-कस्बों को रोशन कर सकें, तो हम अपने पूरे क्षेत्र के लिए बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं। वर्ष 2016 में 'सार्क उपग्रह' के प्रक्षेपण की योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा यह उपग्रह भारत की ओर से दक्षिण एशियाई देशों को तोहफा होगा, जिससे सभी लाभान्वित होंगे।
मोदी ने कहा कि भारत, सार्क देशों को 3 से 5 साल के लिए बिजनेस वीजा देगा। पीएम मोदी ने कहा कि सार्क देशों से बीमारी के इलाज के लिए भारत आने वालों के लिए मरीज और उसके एक सहायक को तत्काल मेडिकल वीजा उपलब्ध कराया जाएगा।
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