यूक्रेन सरकार ने देश के उत्तरी हिस्से में रूस समर्थक अलगाववादियों के खिलाफ अपनी सेना भेज दी, जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने चेताया कि यूक्रेन गृहयुद्ध की कगार पर है।
रूस ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ पुतिन की टेलीफोन वार्ता के बाद एक बयान में कहा, रूसी राष्ट्रपति ने टिप्पणी की है कि विवाद में तेज इजाफा ने देश को गृहयुद्ध के कगार पर खड़ा कर दिया है। बहरहाल, दोनों नेताओं ने अमेरिका, यूरोपीय संघ, रूस और यूक्रेन के शीर्ष राजनयिकों के बीच वार्ता के महत्व पर जोर दिया।
अमेरिका एवं पश्चिमी देश समर्थित यूक्रेन सरकार ने मंगलवार को टैंक भेज दिया है, जिसकी रूस ने तीखी निंदा की है, लेकिन अमेरिका ने समर्थन किया है।
यूक्रेन की औद्योगिक हृास वाली पट्टी के तकरीबन 10 शहरों पर सरकारी इमारतों पर रूस समर्थक अलगाववादियों का कब्जा है। यूक्रेन सरकार ने वहां 20 टैंक और बख्तरबंद कर्मी वाहक वाहन भेजे।
यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (एसबीयू) जनरल वासिल क्रुतोव ने पत्रकारों से कहा, उन्हें अवश्य ही चेतावनी दी जानी चाहिए कि अगर उन्होंने हथियार नहीं डाले तो उन्हें तबाह कर दिया जाएगा। यूक्रेनी सैनिकों को हेलीकॉप्टरों से क्रामातोस्र्क के हवाई अड्डे पर भेजा गया और गृहमंत्रालय अधिकारियों का कहना है कि उसे ‘‘मुक्त’’ करा लिया गया और उसमें कोई हताहत नहीं हुआ।
उधर, रूस समर्थक कार्यकर्ता ओलेग इसांका ने एएफपी को बताया कि यूक्रेनी सैनिकों ने गोलियां चलाईं और उसमें दो लोग घायल हो गए।
क्रेमलिन के बयान में यूक्रेनी सेना की कार्रवाई को शांतिपूर्ण विरोध कार्रवाई के खिलाफ बल प्रयोग का संविधन विरोधी तरीका करार दिया।
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