मिस्र में 2011 की क्रांति की तीसरी वर्षगांठ पर समर्थकों और विरोधियों की रैली के दौरान हुई हिंसा में करीब 50 लोग मारे गए हैं। दूसरी ओर आतंकवादी हमलों के डर के बावजूद हजारों की संख्या में लोग इस अवसर पर सड़कों पर उतरे। 2011 की क्रांति के चलते मिस्र के तानाशाह हुस्नी मुबारक को शासन से बेदखल होना पड़ा था।
काहिरा में सरकार समर्थकों एवं विरोधियों ने कल प्रदर्शन किया था, लेकिन पुलिस ने सरकार विरोधियों प्रदर्शनों को कुचल दिया। काहिरा और अलेक्जेंड्रिया से गिरफ्तारी की खबरें मिली हैं।
मिस्र में पिछले 24 घंटे की झड़प में 49 लोग मारे गए हैं, क्योंकि पुलिस और सेना समर्थित सरकार के समर्थकों की मुर्सी के इस्लामी समर्थकों के साथ झड़पें हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज बताया कि काहिरा और इसके उपनगरीय इलाके तथा अलेक्जेंड्रिया एवं मिनया में सर्वाधिक मौतें दर्ज की गई जबकि 247 लोग घायल हुए हैं। सेना द्वारा पिछले साल जुलाई में मुर्सी को अपदस्थ किए जाने के बाद से सैकड़ों लोग मारे गए हैं। वह देश के लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रथम राष्ट्रपति थे।
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