काहिरा:
मिस्र के अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थकों और सैनिकों के बीच सेना मुख्यालय के बाहर हुए हिंसक संघर्ष में 51 लोगों की मौत हो गई तथा 400 से अधिक घायल हो गए। इससे सैन्य समर्थित नई अंतरिम सरकार और मुस्लिम ब्रदरहुड के बीच गतिरोध और गहरा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मिस्र की सेना और मुर्सी समर्थित प्रदर्शनकारियों के बीच रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुई झड़पों में कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई जबकि 435 घायल हो गए।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेना’ के अनुसार, सेना ने 200 से अधिक हमलावरों को गिरफ्तार किया और उनके पास बंदूकें, विस्फोटक सामग्री थी।
झड़पें रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुईं जहां 61 वर्षीय मुर्सी को ‘सुरक्षा घेरे’ में रखा गया है।
सेना ने एक बयान में कहा कि हथियारबंद आतंकवादी समूह ने रिपब्लिकन गार्ड परिसर में घुसने का प्रयास किया और सैनिकों ने उनपर जवाबी कार्रवाई की। उसने कहा कि सेना के एक जवान की मौत हो गई है जबकि 40 अन्य घायल हो गए हैं।
उधर, मुस्लिम ब्रदरहुड ने सेना के इस बयान का खंडन किया है और कहा कि सेना ने उसके समर्थकों पर गोलीबारी की और कई मुर्सी समर्थकों की हत्या कर दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मिस्र की सेना और मुर्सी समर्थित प्रदर्शनकारियों के बीच रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुई झड़पों में कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई जबकि 435 घायल हो गए।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेना’ के अनुसार, सेना ने 200 से अधिक हमलावरों को गिरफ्तार किया और उनके पास बंदूकें, विस्फोटक सामग्री थी।
झड़पें रिपब्लिकन गार्ड मुख्यालय के बाहर हुईं जहां 61 वर्षीय मुर्सी को ‘सुरक्षा घेरे’ में रखा गया है।
सेना ने एक बयान में कहा कि हथियारबंद आतंकवादी समूह ने रिपब्लिकन गार्ड परिसर में घुसने का प्रयास किया और सैनिकों ने उनपर जवाबी कार्रवाई की। उसने कहा कि सेना के एक जवान की मौत हो गई है जबकि 40 अन्य घायल हो गए हैं।
उधर, मुस्लिम ब्रदरहुड ने सेना के इस बयान का खंडन किया है और कहा कि सेना ने उसके समर्थकों पर गोलीबारी की और कई मुर्सी समर्थकों की हत्या कर दी।
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