
मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंथा नागेश्वरन ने गुरुवार को कहा है कि अमेरिका की ओर से भारत के आयात पर लगाया गया 25 फीसदी पीनल टैरिफ (जुर्माना) 30 नवंबर के बाद वापस ले सकती है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में महत्वपूर्ण सुधार होगा. भारत पर अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी हो गएहैं. हलांकि पिछले कुछ समय से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोशल मीडिया और फोन कॉल पर काफी सकारात्मक बातचीत हुई है.
क्यों खत्म होगा टैरिफ
नागेश्वरन ने यह बात तब कही जब वह कोलकाता में मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे. उन्होंने कहा, 'हम सभी पहले से ही काम कर रहे हैं और मैं यहां टैरिफ के बारे में बात करने के लिए कुछ समय लूंगा. हां, 25 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ और 25 प्रतिशत का पीनल टैरिफ, दोनों की उम्मीद नहीं थी. मेरा अब भी मानना है कि जियोपॉलिटिकल स्थितियों के चलते दूसरा 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया होगा.'
इसके बाद उन्होंने आगे कहा, 'पिछले कुछ हफ्तों में हुए हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए, मैं ऐसा मानता हूं और मेरे पास ऐसा कहने का कोई विशेष कारण नहीं है. इसलिए मेरा मानना है कि 30 नवंबर के बाद दंडात्मक टैरिफ नहीं होगा.'
लगातार बढ़ रहा है निर्यात
भारत और अमेरिका के बीच जारी ट्रेड टॉक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे विश्वास है कि अगले कुछ महीनों में पीनल टैरिफ और उम्मीद है कि रेसिप्रोकल टैरिफ पर कोई समाधान निकल आएगा.' उनका कहना था कि भारत की निर्यात वृद्धि दर, जो वर्तमान में 850 अरब अमेरिकी डॉलर प्रति वर्ष है, 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की राह पर है, जो जीडीपी का 25 फीसदी है. उनका कहना था कि यह एक स्वस्थ और खुली अर्थव्यवस्था का संकेत है.
एक कानून के साथ लागू टैरिफ
ट्रंप ने दर्जनों देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) लागू किया था, जो 1977 का एक कानून है जिसे विदेशी आपात स्थितियों के समय प्रतिबंधों और वित्तीय नियंत्रण के लिए बनाया गया था.
क्यों लगा भारत पर टैरिफ
रूस के साथ भारत के ऑयल ट्रेड से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयातों पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. ये टैरिफ भारतीय वस्तुओं पर पहले से घोषित 25 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ के अलावा लगाया गया था और इससे भारत पर कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया.
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