विज्ञापन

20 मिनट में मॉस्को तक मार... अमेरिका ने टेस्ट की ‘कयामत के दिन’ वाली न्यूक्लियर मिसाइल- जानें क्यों खास

जब ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि अमेरिका 33 साल बाद एक बार फिर से न्यूक्लियर टेस्ट करना शुरू करेगा, अमेरिका की वायु सेना ने 5 नवंबर की तड़के सुबह मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी दी.

20 मिनट में मॉस्को तक मार... अमेरिका ने टेस्ट की ‘कयामत के दिन’ वाली न्यूक्लियर मिसाइल- जानें क्यों खास
  • अमेरिकी वायु सेना ने कैलिफोर्निया से मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है
  • मिनटमैन III मिसाइल का परीक्षण बिना परमाणु बम लोड किए किया गया और यह मार्शल द्वीप समूह के पास गिरी
  • अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तीन दशकों बाद पहली बार न्यूक्लियर हथियारों के परीक्षण का आदेश दिया है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

रूस, चीन, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया जैसे देशों पर छिपाकर न्यूक्लियर टेस्ट करने का आरोप लगाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति इस मोर्चे पर एक्टिव हो गए हैं. जब ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि अमेरिका 33 साल बाद एक बार फिर से न्यूक्लियर टेस्ट करना शुरू करेगा, अमेरिका की वायु सेना ने बुधवार, 5 नवंबर की तड़के सुबह मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल दागी दी. न्यूक्लियर बम ले जाने को दूसरे महाद्वीपों तक ले जाने में सक्षम इस बैलिस्टिक मिसाइल  का टेस्ट सफल रहा.

अमेरिकी वायु सेना के ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से बिना परमाणु बम लोड किए मिसाइल को लॉन्च किया गया, और यह पूरी तरह सफल रहा. इस मिसाइल टेस्ट को GT 254 कोडनेम दिया गया था. यह मिसाइल मार्शल द्वीप समूह में सेना के रोनाल्ड रीगन बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा डिफेंस टेस्ट साइट के पास गिरी. एयरफोर्स ग्लोबल स्ट्राइक कमांड ने इस परीक्षण की पुष्टि की है.

Latest and Breaking News on NDTV
रिपोर्ट के अनुसार यह मिसाइल टेस्ट महीनों पहले ही निर्धारित किया गया था. लेकिन अभी इसपर पूरी दुनिया की नजर है क्योंकि ट्रंप ने पिछले सप्ताह ही अमेरिकी सेना को तीन दशकों से अधिक समय में पहली बार अमेरिका के परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया था. इससे पहले मई में ही अमेरिका ने मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था.

क्यों खास है मिनटमैन III? 

मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को अमेरिका का कयामत के दिन वाली मिसाइल कहा जाता है. मिनटमैन III अमेरिका के शीत युद्ध-युग में तैयार किया गया न्यूक्लियर डेटरेंस सिस्टम का हिस्सा है. यह परमाणु जंग की स्थिति में अमेरिका का जवाब होगा. इसे केवल परमाणु हमले के बाद जवाबी हमले में लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसलिए इसे कयामत के दिन वाली मिसाइल के नाम से जाना जाता है.

Latest and Breaking News on NDTV

यह मिसाइल एक घंटे में ही 15,000 मील की दूरी तय करती है. मिनटमैन III इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 13000 किमी तक मार करने की है, और इसकी लंबी दूरी की मारक क्षमता इसे खास बनाती है. इससे भी खास बात है कि हर मिनटमैन III मिसाइल कई MIRV ले जा सकती है. MIRV का मतलब मल्टीपल इंडिपेंडेंटली-टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल है. यह एक प्रकार की मिसाइल है जो कई हथियार ले जा सकती है, जिनमें से प्रत्येक को एक अलग टारगेट पर हमला करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है. दशकों से, इस सिस्टम को अमेरिका ने बहुत एडवांस किया है. 

  • मिनटमैन 1970-युग का एक कार्यक्रम है जिसे अमेरिकी वायु सेना सेंटिनल प्रणाली से बदलने की योजना बना रही है.
  • यह ठोस रॉकेट फ्यूल का उपयोग करता है. इस वजह से इसे तरल-ईंधन (लिक्विड फ्यूल) वाली मिसाइलों की तुलना में मेंटेन करना आसान है.
  • अपनी उच्च गति और ऊंचाई तक पहुंचने के लिए मिसाइल के तीन चरण हैं.
  • मिनटमैन III को परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो अमेरिकी परमाणु निरोध रणनीति (न्यूक्लियर डेटरेंस स्ट्रैटजी) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
  • Minuteman III में तेजी से लॉन्च होने क्षमता है, जो संभावित खतरों पर जल्द से जल्द जवाब देने की अनुमति देती है.

यह भी पढ़ें: क्या ट्रंप ने छेड़ दी न्यूक्लियर टेस्ट की रेस? पुतिन ने मांगा प्लान, किम जोंग की खतरनाक सुरंग भी तैयार 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com