रूस और यूक्रेन के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है.
नई दिल्ली:
यूक्रेन के राष्ट्पति वोल्डोमीर जेलेंस्की ने बातचीत में रूस के बदले रुख की सराहना की है. उन्होंने कहा कि रूस पहले सिर्फ अल्टीमेटम जारी कर रहा था, लेकिन अब उसका रुख बदला दिख रहा है. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और नजदीक पहुंच गई है और रिहायशी इलाकों को भी निशाना बना रही है. यूक्रेन का कहना है कि रूस के हमले में मारियुपोल शहर में एक मस्जिद को भी निशाना बनाया गया, जहां 80 नागरिक ठहरे हुए थे. अमेरिका अब रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने में लगा है, ताकि किसी भी सूरत में बिगड़ती अर्थव्यस्था का असर रूस पर और ज्यादा हों और उसका रूख कुछ नरम पड़े. आइए यहां जानते हैं रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी ताजातरीन दस बातें.
- यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनी गई. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी के करीब पहुंच गई.यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर लिखा, मारियुपोल शहर में सुल्तान सुलेमान मस्जिद पर हवाई हमला किया गया. जहां तुर्की के तमाम नागरिकों समेत 80 वयस्क और बच्चे शरण लिए हुए थे. हालांकि इस हवाई हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं, इसकी कोई जानकारी अभी नहीं मिल पाई है.
- रूस के रॉकेट हमले में यूक्रेन की राजधानी कोव के निकट वासिलकीव स्थित एयरबेस भी तबाह हो गया. रॉकेट हमले में एक हथियारों के भंडार को भी निशाना बनाया गया. शहर के मेयर नतालिया बलासिनोविच ने ये जानकारी दी. यूक्रेन की राजधानी कीव, खारकीव और डोनबास क्षेत्र में रूसी हमलों में और तेजी आने की आशंका है. यूक्रेन के प्रेसिडेंट के मुख्य सलाहकार ओलेस्की एरेस्टोविच ने ये जानकारी दी.
- यूक्रेन की संसद ने ट्विटर पर कहा, "10 कब्जाधारियों के एक समूह ने मेलिटोपोल के मेयर इवान फेडोरोव का अपहरण कर लिया. शुक्रवार देर रात एक वीडियो संदेश में, प्रेसिडेंट वोल्डोमीर जेलेंस्की ने अपहरण की पुष्टि की. उनके अनुसार, फेडोरोव ने शहर पर कब्जा करने वाली रूसी सेना के साथ सहयोग करने से मना कर दिया था. जिसके बाद उन्हें सिटी क्राइसिस सेंटर में हिरासत में लिया गया था.
- तीन मिसाइलें निप्रो शहर में रिहायशी इमारतों पर गिरीं. एक शू फैक्ट्री भी हमले में नष्ट हो गई और इसमें एक सिक्योरिटी गार्ड मारा गया. निप्रो को अभी तक काफी सुरक्षित माना जाता रहा है, 24 फरवरी को रूसी हमले के बाद से इस शहर को कम ही निशाना बनाया गया है. जबकि खारकीव शहर में भारी बमबारी हो रही है.
- अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को दिए गए ‘सर्वाधिक तरजीह देश' (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने की घोषणा की. इसी के साथ रूस से समुद्री खाद्य उत्पादों (सीफूड), शराब एवं हीरों के आयात पर भी रोक लगा दी. अमेरिकी सरकार का रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लेने का निर्णय यूरोपीय संघ और जी-7 समूह के देशों के साथ मिलकर लिया गया. सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस से किये जाने वाले आयात पर भारी शुल्क लगा सकेंगे. इस नए निर्णय से अमेरिका और सहयोगी देश रूस की अर्थव्यवस्था पर करारी चोट करना चाहते हैं.
- यूक्रेन पर हमला करने वाले देश रूस के लिए आर्थिक तौर पर बुरी खबरें सामने आ रही है. अब रूस में भी जर्मनी के ड्यूश बैंक ने अपना परिचालन बंद कर दिया. जर्मनी के सबसे बड़े बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के विरोध में रूस में अपने परिचालन को बंद करने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अनुसरण कर रहा है. इससे पहले ही रूस में दुनियाभर की 300 से ज्यादा नामचीन फर्म अपना काम समेट चुकी है.
- यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस के आक्रमण के खिलाफ पोलिश समर्थन की प्रशंसा की. यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने पोलिश समकक्ष आंद्रेज डूडा और पोलिश लोगों को एक संदेश में कहा, "जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपको चोट पहुँचाता है, तो किसी ऐसे व्यक्ति का होना बहुत ज़रूरी है जो आपके लिए अपना कंधा पेश करे.
- ब्रिटेन की सरकार ने रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा के 386 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. ड्यूमा के इन सभी सदस्यों ने रूस द्वारा यूक्रेन के लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों को स्वतंत्र गणराज्य के रूप में मान्यता देने में अहम भूमिका अदा की थी. ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत रूसी सांसदों को ब्रिटेन की यात्रा करने, ब्रिटेन में अपनी संपत्ति का उपयोग करने और कारोबार करने की मनाही होगी.
- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि रूस को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस से अमेरिका नहीं लड़ेगा क्योंकि नाटो और मास्को के बीच सीधा टकराव से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाएगी. बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना और सटीक संदेश भेजना जारी रखेंगे. हम अमेरिका की पूरी शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे और नाटो की मदद करेंगे.''
- यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति प्रमुख ने कहा कि विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत को कुछ समय के लिए रोकने की जरूरत है. विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने देरी के लिए ‘बाहरी कारकों' को जिम्मेदार ठहराया है. अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों के बीच 2015 में ईरान ने एक समझौता किया था, जिसके तहत उसने अपना परमाणु कार्यक्रम को सीमित किया था.