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This Article is From Nov 09, 2022

UK में PM Rishi Sunak पर भारी दबाव...करीबी मंत्री ने Bullying के आरोप में दिया था इस्तीफा

प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को पता था कि कुछ मतभेद हैं लेकिन पूरी बात की जानकारी उन्हें इस बारे में द संडे टाइम्स में प्रकाशित होने के बाद मिली.   

UK में PM Rishi Sunak पर भारी दबाव...करीबी मंत्री ने Bullying के आरोप में दिया था इस्तीफा
ऋषि सुनक पर ब्रिटेन में विपक्ष लगा रहा गलत जजमेंट और कमजोर लीडरशिप के आरोप (File Photo)

ब्रिटेन (UK) के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) विपक्षियों की ओर से दबाव झेल रहे हैं क्योंकि उनके एक करीबी मंत्री को डराने-धमकाने (bullying) का आरोपों के कारण इस्तीफा देना पड़ा है. इस मामले की जांच की जा रही है. सर गैविन विलियमसन (Sir Gavin Williamson), जो कि बिना किसी पोर्टफोलियो के राज्य मंत्री थे, उनपर अपने कंजरवेटिव पार्टी के साथियों और सिविल सर्वेंट्स पर अपमानजनक व्यवहार के आरोप लगे थे. इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया. 

सुनक ने कहा कि उन्होंने "बेहद दुखी मन से" विलियमसन का इस्तीफा स्वीकार किया और निजी समर्थन और विश्वास के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

ऋषि सुनक ने कहा कि "कंजरवेटिव सरकारों और पार्टी के लिए आपकी प्रतिबद्धता को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता"

हालांकि विपक्ष ने इस पूरे मामले को ऋषि सुनक के "गलत जजमेंट और नेतृत्व के संकेत देने वाली घटना बताया." लेबर पार्टी के नेता सर किएर सार्मर ऋषि सुनक पर और दबाव डालने के लिए इस मुद्दे का प्रधानमंत्री से पूछे जाने वाले साप्ताहिक प्रश्न सत्र में इस्तेमाल करेंगे.   

विलियमसन का व्यवहार सप्ताहंत से और आक्रामक होता जा रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, कंजरवेटिव पार्टी के पद छोड़ने जा रहे अध्यक्ष जेक बेरी ने नए-नियुक्त हुए प्रधानमंत्री को विलियमसन के खिलाफ 24 अक्टूबर को डराने-धमकाने की एक शिकायत के बारे में बताया था, इसके एक दिन बाद सुनक की कैबिनेट में उनका चयन किया गया. प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि नए प्रधानमंत्री को पता था कि कुछ मतभेद हैं लेकिन पूरी बात की जानकारी उन्हें इस बारे में द संडे टाइम्स में प्रकाशित होने के बाद मिली.   

लेबर पार्टी की डिप्टी लीडर एंजेला रेनर ने कहा कि यह एक कमजोर प्रधानमंत्री की निशानी है. ऋषि सुनक गेविन विलियमसन की नियुक्ति के समय उन पर लगे गंभीर आरोप और उनके व्यवहार के बारे में पता था, फिर भी उन्होंने बार-बार उनमें विश्वास जताया. 
यह ऋषि सुनक के गलत जजमेंट और कमजोर लीडरशिप की निशानी है.  यह साफ है कि वो पार्टी से पहले देश को नहीं रखते हैं."

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