इंग्लैंड में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की प्रेग्नेंसी में मदद करने के लिए अपने पिता के स्पर्म के साथ अपने स्पर्म मिला दिये, क्योंकि वह आईवीएफ का खर्चा नहीं उठा सकता था. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, कानूनी कारणों से उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया गया है, और अदालती दस्तावेजों में उसकी पहचान केवल पीक्यू के रूप में की गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, पीक्यू और उसकी पत्नी जेके को प्रेग्नेंसी से संबंधी समस्याआ थी. इसलिए वह अपने स्पर्म को अपने पिता (आरएस) के साथ मिलाने के लिए सहमत हो गए, जिसे बाद में महिला में इंजेक्ट किया गया. इसके बारे में न्यायाधीश को सूचित किया गया था, और इसे हमेशा गुप्त रखने का इरादा था. महिला ने प्रेग्नेंसी के बाद एक लड़के को जन्म दिया, जो अब पांच साल का हो गया है. (अदालत के दस्तावेजों में लड़के का नाम डी है). लेकिन एक बार जब स्थानीय परिषद को गर्भधारण की परिस्थितियों के बारे में सूचित किया गया, तो उसने बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई.
स्थानीय परिषद ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और आग्रह किया कि उस व्यक्ति को डीएनए परीक्षण करने का निर्देश दिया जाए, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वह डी का पिता कौन है...? हालांकि, न्यायाधीश ने गुरुवार को याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि परिषद का इस मामले में दखलंदाजी करने का कोई अधिकार नहीं है.
जज ने अपने आदेश में कहा, "डी यह जानना चाह सकता है कि उनका जैविक पिता कौन है, लेकिन परिषद को यह अधिकार नहीं है. बच्चे के जन्म के सटीक रिकॉर्ड को जानने में सार्वजनिक हित को बनाए रखने की इच्छा ऐसी याचिका में व्यक्तिगत रुचि प्रदान नहीं करती है." उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि निर्णय परिवार पर निर्भर करता है, क्या वे बच्चे को उसके असली पिता के बारे में बताने के लिए डीएनए जांच से गुजरना चाहते हैं?
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