पाकिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी ने एक ट्रेन को हाइजैक कर लिया है. साथ ही 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया है. अब बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. साथ ही सभी बलूच राजनीतिक कैदियों और जबरन गायब हुए लोगों को रिहा करने की मांग की है. हालांकि पाकिस्तानी सुरक्षाबलों का दावा है कि उन्होंने बलोच लिबरेशन आर्मी से 80 बंधकों को छुड़ा लिया है.
ट्रेन हाइजैक करने के बाद हमलावरों ने 6 लोगों की हत्या कर दी. साथ ही ड्राइवर को भी गोली मार दी, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान की है. ट्रेन कई घंटों बाद अब भी एक टनल में खड़ी है. पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों ने इलाके को घेर रखा है.
क्वेटा से पेशावर जा रही थी जाफर एक्सप्रेस
ये ट्रेन जाफर एक्सप्रेस ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई. प्रांतीय सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को आपातकालीन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. क्वेटा के सिविल अस्पताल में इमरजेंसी घोषित किया गया है.
एक बयान में, उग्रवादी अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि उन्होंने ट्रेन से सुरक्षा बलों सहित लोगों को बंधक बना लिया है. बीएलए ने दावा किया कि उसने 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया और उसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए. उसका कहना है कि बंधक बनाए गए लोगों ने सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं.
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— Bahot | باہوٹ (@bahot_baluch) March 11, 2025
BLA Seizes Jaffar Express: Hostages Will Be Executed if an Operation is Launched - BLA
The Baloch Liberation Army has carried out a meticulously planned operation in Mashkaf, Dhadar, Bolan, where our freedom fighters have blown up the railway track, forcing the… pic.twitter.com/pb9WSqb1WE
हमलावरों ने रेलवे ट्रैक को भी उड़ा दिया. उनका कहना है कि सेना ने अगर कोई ऑपरेशन शुरू किया तो बंधकों को मार दिया जाएगा. बंधकों में पाकिस्तानी सेना पुलिस और आईएसआई के लोग भी शामिल हैं. बीएलए ने कहा है कि हमने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया है.
बलूच लिबरेशन आर्मी ने कहा है कि 100 से ज्यादा मुसाफिर और सुरक्षाकर्मी हमारे कब्जे में हैं. ISI के लोग भी हमारे कब्जे में हैं. बीएलए के मुताबिक पाकिस्तान एटीएस के लोग भी उनके कब्जे में हैं. ये लोग छुट्टियों पर पंजाब जा रहे थे.

बंदूकधारियों ने एक सुरंग में इस ट्रेन को रोका है. शुरुआती फायरिंग में कुछ लोगों की मौत भी हुई है.
बीएलए का कहना है कि पाकिस्तान सरकार यहां के संसाधनों का इस्तेमाल पाकिस्तान की तरक्की के लिए करती है, लेकिन यहां कोई विकास नहीं है.
प्रांतीय सरकार या रेलवे के अधिकारियों ने किसी बंधक के पकड़े जाने की पुष्टि नहीं की है. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल बलूचिस्तान के बोलन जिले के मुश्कफ इलाके में घटना स्थल पर पहुंच गए हैं.

बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने एक बयान में कहा, "क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर पेहरो कुनरी और गदालार के बीच भीषण गोलीबारी की खबरें हैं."
इस बीच, रेलवे नियंत्रक मुहम्मद काशिफ ने कहा कि नौ डिब्बों वाली इस ट्रेन में करीब 450 यात्री सवार थे.
नियंत्रक के मुताबिक, "ट्रेन को सुरंग संख्या 8 में हथियारबंद लोगों ने रोक दिया. यात्रियों और कर्मचारियों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं."

सरकार के बयान के अनुसार, सिबी अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है, जबकि एंबुलेंस और सुरक्षा बल घटनास्थल की ओर जा रहे हैं. हालांकि, चट्टानी इलाके के कारण अधिकारियों को घटनास्थल तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बयान में आगे कहा गया, "रेलवे विभाग ने बचाव कार्य के लिए घटनास्थल पर और ट्रेनें भेजी हैं. घटना की गंभीरता और आतंकवादी तत्वों की संभावना का पता लगाया जा रहा है. बलूचिस्तान सरकार ने आपातकालीन उपाय करने और सभी संस्थानों को सक्रिय रहने का आदेश दिया है."

अधिकारी ने लोगों से शांत रहने और अफवाहों पर ध्यान न देने का आग्रह किया है. स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता डॉ. वसीम बेग के अनुसार, क्वेटा के सिविल अस्पताल में भी आपातकाल घोषित कर दिया गया है.
बेग ने कहा, "सभी सलाहकार, डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को अस्पताल में बुलाया गया है."
पाकिस्तान रेलवे ने डेढ़ महीने से अधिक समय के निलंबन के बाद क्वेटा और पेशावर के बीच एक अक्टूबर को ट्रेन सेवाओं को बहाल करने की घोषणा की थी.
बलूचिस्तान में पिछले एक साल में आतंकवादी हमलों में तेज़ी देखी गई है. नवंबर 2024 में, क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 26 लोग मारे गए थे और 62 घायल हो गए थे.
पिछले हफ़्ते, प्रांतीय सरकार ने हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों और अन्य हिंसक घटनाओं को देखते हुए बलूचिस्तान में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी और स्थिति से निपटने के लिए कई फैसले किए थे.

बता दें अशांत बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादी समूहों ने सेना और क्षेत्र में चीनी परियोजनाओं के खिलाफ लगातार हमले किए हैं.
बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है. यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है. उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है.
बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है.
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