
- थाईलैंड की कोर्ट ने पीएम शिनावात्रा को जांच तक पद से हटा दिया है.
- फोन कॉल लीक के चलते शिनावात्रा का निलंबन किया गया है.
- कंबोडिया के नेता से बातचीत के बाद कोर्ट ने जांच शुरू की थी.
- कंजर्वेटिव सीनेटर्स ने उन पर नैतिकता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
थाईलैंड की कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा को जांच पूरी होने तक उनके पद से हटा दिया है. कंबोडिया के एक नेता के साथ हुई फोन कॉल लीक के होने के सिलसिले में शिनावात्र को उनके पद से हटाया गया है. 28 मई को सीमा विवाद के बाद शिनावात्रा ने एक सीनियर कंबोडियन लीडर से फोन पर बात की थी. कोर्ट ने कंबोडिया के साथ राजनयिक विवाद में उनके आचरण की जांच शुरू की थी.
पिछले साल संभाली थी कमान
एक बयान में कहा गया है, 'कोर्ट ने 7-2 के बहुमत से प्रतिवादी को 1 जुलाई से प्रधानमंत्री पद के कार्य से निलंबित कर दिया है जब तक कि संवैधानिक न्यायालय अपना फैसला नहीं सुना देता.' कंजर्वेटिव सीनेटर्स के एक ग्रुप ने पीएम पैतोंगतार्न पर कंबोडिया के साथ जारी सीमा विवाद के बीच ही पद की नैतिकता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है.
लंबे समय से चले आ रहे क्षेत्रीय विवाद ने मई में सीमा पार संघर्ष को जन्म दिया था और उसमें कंबोडिया के एक सैनिक की मौत हो गई थी. शिनवात्रा साल 2024 में थाईलैंड की पीएम बनी थीं और इतिहास में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनने वाली व्यक्ति थी. साथ ही वह दूसरी महिला थीं जिन्हें इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी.
सेना को कहा 'प्रतिद्वंद्वी'
जो रिकॉर्डिंग सामने आई है उसके अनुसार, जब पैटोंगटार्न ने कंबोडिया के राजनेता हुन सेन को बॉर्डर पर जारी तनाव पर चर्चा करने के लिए बुलाया. इस दौरान उन्होंने सेन को 'अंकल' कहा और थाई मिलिट्र कमांडर को 'प्रतिद्वंद्वी' बताया. इसकी वजह से उनकी जमकर आलोचना हुई. कंजर्वेटिव सांसदों ने उन पर कंबोडिया के सामने झुकने और सेना को कमजोर करने का आरोप लगाया है. सीनेटर्स का आरोप है कि उन्होंने मंत्रियों के बीच 'स्पष्ट ईमानदारी' और 'नैतिक मानकों' की जरूरत वाले संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है.
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