श्रीलंका (Sri Lanka Blasts) में रविवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 207 लोगों की मौत हो गई है और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. बता दें कि विस्फोटों से 10 दिन पहले देश के पुलिस प्रमुख ने चेतावनी जारी कर कहा था कि आत्मघाती हमलावर ‘अहम गिरजाघरों' को निशाना बना सकते हैं. पुलिस प्रमुख पी. जयसुंदरा ने 11 अप्रैल को एक गुप्तचर चेतावनी शीर्ष अधिकारियों को भेजी थी. इस अलर्ट में कहा गया था कि एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि एनटीजे (नेशनल तोहिद जमात) अहम गिरजाघरों और कोलंबो में भारतीय उच्चायोग पर फिदायीन हमले की योजना बना रहा है. एनटीजे श्रीलंका (Sri Lanka) का कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन है. पिछले साल बुद्ध प्रतिमाओं को नुकसान पहुंचाने में इस संगठन का नाम सामने आया था.
रविवार को श्रीलंका (Sri Lanka) में तीन गिरजाघरों और तीन होटलों में एक के बाद एक कर विस्फोटों मरने वालों की संख्या बढ़कर 207 हो गई और 450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. द्वीप राष्ट्र में यह अभी तक का सबसे भयावह हमला है. मृतकों में करीब नौ विदेशी शामिल हैं. पुलिस प्रवक्ता रूवन गुनासेखरा ने बताया कि ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार पौने नौ बजे ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगेम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए. वहीं अन्य तीन विस्फोट पांच सितारा होटलों - शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए. होटल में हुए विस्फोट में घायल विदेशी और स्थानीय लोगों को कोलंबो जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. श्रीलंका (Sri Lanka News) के आर्थिक सुधार एवं लोक वितरण मंत्री हर्षा डी सेल्वा ने बताया कि धमाकों में विदेशी नागरिकों सहित कई लोग हताहत हुए हैं.
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अस्पताल से जुडे़ सूत्रों ने बताया कि कोलंबो में 45, नेगेम्बो में 90 और बट्टिकलोवा में 27 लोगों की मौत हो गई. वहीं 450 से अधिक लोग धमाकों में घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल में मौजूद 45 शवों में से नौ की पहचान विदेशी नागरिकों के तौर पर हुई है. इनमे कुछ अमेरिकी और ब्रिटिश हैं. कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के प्रवक्ता डॉक्टर समिंदि समराकून ने बताया कि 300 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं बट्टिकलोवा अस्पताल के प्रवक्ता डॉक्टर कलानिधि गणेशालिंघम ने बताया कि सेंट माइकल चर्च के 100 से ज्यादा घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है. श्रीलंका में पूर्व में लिट्टे (एलटीटीई) ने कई हमले किए हैं. हालांकि 2009 में लिट्टे का खात्मा हो गया. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. सिरिसेना ने कहा, ‘मैं इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हूं. सुरक्षाबलों को सभी जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.'
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(इनपुट- भाषा)
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