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धरती से 737 किलोमीटर ऊपर 4 आम आदमियों ने किया स्पेसवॉक, SpaceX के मिशन से बना ये रिकॉर्ड

फ्लोरिडा स्थित NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से पोलारिस डॉन मिशन के तहत 4 लोगों ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरी थी. ये मिशन 5 दिन का है. जारेड आइसैकमैन मिशन के कमांडर हैं.

धरती से 737 किलोमीटर ऊपर 4 आम आदमियों ने किया स्पेसवॉक, SpaceX के मिशन से बना ये रिकॉर्ड
फ्लोरिडा:

अमेरिकी बिजनेस टाइकून एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस-टेक कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने पोलारिस डॉन मिशन (Polaris Dawn Mission) 10 सितंबर को लॉन्च किया था. गुरुवार को SpaceX के इस मिशन ने नया रिकॉर्ड बनाया. पहली बार पृथ्वी से 737 किलोमीटर ऊपर स्पेस में आम नागरिकों ने वॉक किया. नए एडवांस प्रेशराइज्ड सूट में मिशन कमांडर जारेड आइसैकमैन ने पहले स्पेसवॉक की. स्पेसवॉक के वीडियो पर एलन मस्क ने भी कमेंट किया है. उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी है.

फ्लोरिडा स्थित NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से पोलारिस डॉन मिशन के तहत 4 लोगों ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरी थी. ये मिशन 5 दिन का है. जारेड आइसैकमैन मिशन के कमांडर हैं. स्कॉट 'किड' पोटीट पायलट हैं. जबकि साराह गिलिस और अन्ना मेनन मिशन स्पेशलिस्ट हैं. पोटीट, गिलिस और मेनन पहली बार अंतरिक्ष में गए हैं. 

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पोटीट US एयरफोर्स के पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. अपोलो काल के बाद अब तक का यह सबसे ऊंचा क्रू मिशन है. इसलिए क्योंकि यह मिशन 1400 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया. 

पोलैरिस डॉन मिशन की लॉन्चिंग 26 अगस्त को होनी थी. जो प्री-फ्लाइट चेकअप में गड़बड़ मिलने के बाद टाल दी गई. फिर 27 अगस्त की लॉन्चिंग हीलियम लीक होने की वजह से टाली गई. 28 को प्लान बनाया था. तब मौसम खराब होने की वजह से इसे टालना पड़ा. आखिरकार SpaceX ने 10 सितंबर 2024 को पोलैरिस डॉन (Polaris Dawn) को लॉन्च किया था. लॉन्चिंग केप केनवरल से की गई. इसमें फॉल्कन-9 रॉकेट की मदद ली गई. 

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पोलारिस डॉन मिशन अब तक के किए गए Space Walk से इसलिए अलग है, क्योंकि पूरे ड्रैगन कैप्सूल को डिप्रेशराइज किया जाएगा, जिससे सभी क्रू मेंबर्स को जिंदा रहने के लिए पूरी तरह से अपने स्पेसशूट पर डिपेंड रहना होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि ड्रैगन में एयरलॉक नहीं है. लिहाजा कैप्सूल का अंदरूनी हिस्सा स्पेस के वैक्यूम के कॉन्टैक्ट में रहेगा.  

पोलारिस डॉन मिशन के तहत चारों एस्ट्रोनॉट 31 अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स के साथ मिलकर 36 रिसर्च और एक्सपेरिमेंट्स करेंगे. 

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