फिलिस्तीन (Palestine) और इजराइल (Israel) के पड़ोसी देशों के कुछ नेताओं ने शनिवार को इज़राइल को निशाना बनाकर किए गए हमास के घातक हमले और उसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई के बाद दोनों देशों से संयम बरतने का आग्रह किया. इस संघर्ष के लिए कुछ ने इजराइल को ही दोषी ठहराया तो कुछ ने इस आश्चर्यजनक हमले का जश्न मनाया.
गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले आतंकी ग्रुप हमास ने इजराइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है. बताया जा रहा है कि हमास की ओर से इजराइल पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे गए हैं. इजराइल के कई रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया गया. इन हमलों में अब तक 100 लोगों की मौत होने और 500 से ज्यादा के जख्मी होने की जानकारी सामने आई है.
हमास ने सुबह-सुबह हवाई, जमीन और समुद्र से हमले किए. इसके जवाब में इजराइल ने तटीय क्षेत्र में हवाई हमले किए. मई 2021 के बाद से अब तक का यह सबसे खूनी संघर्ष है.
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, "हम युद्ध में हैं," उन्होंने वादा किया कि "दुश्मन को अभूतपूर्व कीमत चुकानी पड़ेगी."
क्षेत्र के देशों की प्रतिक्रियाएं
मिस्रमिस्र के विदेश मंत्रालय ने "फिलिस्तीनी और इजराइली दोनों पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने की अपील की," उसने संघर्ष में वृद्धि को लेकर गंभीर खतरे की चेतावनी दी.
काहिरा ऐतिहासिक रूप से दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में एक प्रमुख मध्यस्थ रहा है. विदेश मंत्री समेह शौकरी ने अपने जॉर्डन, यूएई, तुर्की, जर्मन और फ्रांसीसी समकक्षों और यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं को कई कॉल किए.
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि शौकरी ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को "तुरंत हस्तक्षेप" करने के लिए एकजुट करने की मांग की.
जॉर्डनजॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफ़ादी ने "विशेष रूप से वेस्ट बैंक के शहरों और क्षेत्रों में फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजराइली हमलों और उल्लंघनों के मद्देनजर" हालात अस्थिर होने की चेतावनी दी.
हमास का हमला इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच कई महीनों से बढ़ती हिंसा के बाद हुआ है. इससे वेस्ट बैंक में इतने बड़े पैमाने पर मौतें हुई हैं. इतनी जनहानि वर्षों में नहीं देखी गई.
जॉर्डन और मिस्र इजराइल के साथ शांति समझौते पर सहमत होने वाले क्षेत्र के पहले दो देश थे.
संयुक्त अरब अमीरातयूएई की राज्य समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात ने "तत्काल युद्धविराम" और "अत्यधिक संयम बरतने" का आह्वान किया. विदेश मंत्रालय के एक बयान में नागरिकों की सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया, "यूएई ने हालिया संकट के सभी पीड़ितों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त की है."
अबू धाबी ने 2020 में अमेरिका समर्थित अब्राहम समझौते के तहत बहरीन और मोरक्को के साथ-साथ इजराइल से संबंध सामान्य किए हैं.
मोरक्कोमोरक्को केविदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि, "मोरक्को साम्राज्य गाजा पट्टी में स्थिति के बिगड़ने और सैन्य कार्रवाई शुरू होने पर गहरी चिंता व्यक्त करता है और नागरिकों के खिलाफ हमलों की निंदा करता है, चाहे वे कहीं के भी हों."
अरब लीगअरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल घीत ने "गाजा में सैन्य अभियानों को तत्काल रोकने" और दोनों पक्षों के बीच सशस्त्र टकराव का चक्र बंद करने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, "इजराइल द्वारा हिंसक और चरमपंथी नीतियों को निरंतर लागू करना एक टाइम बम है जो इस क्षेत्र को निकट भविष्य में स्थिरता के किसी भी गंभीर अवसर से वंचित कर रहा है."
सऊदी अरबसऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि, "सऊदी अरब दोनों पक्षों के बीच तनाव को तत्काल रोकने, नागरिकों की सुरक्षा और आत्म-नियंत्रण का आह्वान करती है."
रियाद ने कुवैत, इराक, कतर और ओमान सहित अन्य क्षेत्रीय देशों के बयानों को दोहराया कि शनिवार का हमला "फिलिस्तीनी लोगों को उनके वैध अधिकारों से वंचित करने और लगातार कब्जे का परिणाम है."
रियाद और वाशिंगटन द्वारा सऊदी की कुछ शर्तों पर बातचीत के बाद, इन बैठकों के जानकार लोगों के अनुसार, इज़राइल और सऊदी अरब के बीच संबंधों के सामान्य होने की बढ़ती अटकलों के बीच यह हिंसा हुई है.
सीरियासीरिया के विदेश मंत्रालय ने हमास ऑपरेशन को एक "सम्मानजनक उपलब्धि बताया जो साबित करता है कि फिलिस्तीनियों के लिए अपने वैध अधिकार प्राप्त करने का एकमात्र तरीका सभी रूपों में प्रतिरोध है".
सीरिया ने फिलिस्तीनी लोगों और "जायोनिस्ट आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ने वाली सेनाओं" के लिए अपना "समर्थन" भी व्यक्त किया.
ईरानईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी के एक वरिष्ठ सलाहकार ने हमले के लिए समर्थन व्यक्त किया और इसे "गौरवपूर्ण ऑपरेशन" बताया. समाचार एजेंसी आईएसएनए के हवाले से याह्या रहीम सफवी ने कहा, "हम इस ऑपरेशन का समर्थन करते हैं." सफ़वी ने "फ़िलिस्तीन और येरूशलम की मुक्ति तक" फिलिस्तीनी उग्रवादियों का समर्थन किया.
समाचार एजेंसी तस्नीम द्वारा प्रसारित एक वीडियो के अनुसार, संसद सत्र में सांसदों ने "इजराइल मुर्दाबाद", "अमेरिका मुर्दाबाद" और "वेलकम फिलिस्तीन" के नारे लगाए.
यमनयमन की राजधानी सना पर नियंत्रण रखने वाले हूथी विद्रोहियों ने कहा कि वे "वीर जिहादी ऑपरेशन" का समर्थन करते हैं. हूथी-नियंत्रित समाचार एजेंसी SABA की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में, ईरान से गठबंधन करने वाले आतंकवादी समूह ने कहा कि हमले ने इज़राइल की "कमजोरी और नपुंसकता को उजागर किया." उसने ऑपरेशन को "सम्मान, गौरव और रक्षा की लड़ाई" कहा.
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