विज्ञापन
This Article is From Oct 07, 2023

इजराइल-फिलिस्तीन के बीच विवाद का लंबा इतिहास, जानिए- क्या है ताजा संघर्ष की वजह

इजराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के क्रम में कई महीनों से हिंसा के मामले बढ़ने के बाद शनिवार को गाजा से इजराइल पर रॉकेटों की बारिश हुई, वेस्ट बैंक में सालों बाद बड़ी संख्या में मौतें हुईं.

इजराइल-फिलिस्तीन के बीच विवाद का लंबा इतिहास, जानिए- क्या है ताजा संघर्ष की वजह
फिलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इजराइल पर रॉकेट हमलों की जिम्मेदारी ली है.
नई दिल्ली:

गाजा से इजराइल (Israel) पर शनिवार को हजारों रॉकेट दागे गए और फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजराइल में घुसपैठ की. इन हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई. इजराइली सेना और डॉक्टरों ने यह जानकारी दी. इजराइल और फिलिस्तीन (Palestine) के बीच संघर्ष का लंबा इतिहास है. इन दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से हिंसक संघर्ष बढ़ने की घटनाओं के बीच गाजा से शनिवार को सुबह 6:30 बजे इजराइल पर रॉकेटों की बारिश शुरू हो गई. इससे वेस्ट बैंक में सालों में बड़ी संख्या में मौतें हुईं. वेस्ट बैंक वह स्थान है जिस पर 1967 के अरब-इजराइल संघर्ष के बाद इजरायल ने कब्जा कर लिया था. 

फ़िलिस्तीनी ग्रुप हमास ने इजराइल पर रॉकेट हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसके आतंकवादियों ने 5,000 से अधिक रॉकेट दागे.

हमास की सैन्य शाखा एज्जेदीन अल-कसम ब्रिगेड ने एक बयान में कहा, "हमने कब्जे (इजराइल) के सभी अपराधों को खत्म करने का फैसला किया है, जवाबदेही लिए बिना हिंसा करने का उनका समय समाप्त हो गया है." बयान में कहा गया है कि, "हम ऑपरेशन अल-अक्सा फ्लड की घोषणा करते हैं. हमने 20 मिनट के पहले हमले में 5,000 से अधिक रॉकेट दागे."

Latest and Breaking News on NDTV

इजराइली अधिकारियों ने कहा कि हमास ने इजराइल पर रॉकेटों की बौछार की और इसके साथ फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने कई स्थानों पर इजराइली क्षेत्र में घुसपैठ की. इजराइली सेना ने एक बयान में कहा है कि हमास को "इन घटनाओं के की जिम्मेदारी लेते हुए परिणामों का सामना करना पड़ेगा."

संघर्ष की कहानी बहुत पुरानी

पहले विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर नियंत्रण हासिल कर लिया था. फिलिस्तीन में यहूदी अल्पसंख्यक थे और अरब बहुसंख्यक थे. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ब्रिटेन को फिलिस्तीन में यहूदी मातृभूमि बनाने का काम सौंपा था. इस पर दोनों समूहों के बीच तनाव बढ़ गया.

फिलिस्तीन में यहूदी अप्रवासियों की संख्या में 1920 और 1940 के दशक में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. कई यहूदी यूरोप में उत्पीड़न से भाग गए और मातृभूमि की तलाश में यहां पहुंचे.

यहूदियों और अरबों के बीच तनाव बढ़ने लगा और साथ ही ब्रिटिश शासन का प्रतिरोध तेज हो गया. सन 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो अलग-अलग यहूदी और अरब राष्ट्रों में बांटने के लिए वोटिंग की. इसमें येरूशलम को अंतरराष्ट्रीय प्रशासन के अधीन रखा गया. यहूदी नेतृत्व ने योजना को स्वीकार कर लिया, लेकिन अरब पक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया और इसे कभी लागू नहीं किया.

संघर्ष को समाप्त करने में नाकाम रहे ब्रिटिश अधिकारी सन 1948 में पीछे हट गए और यहूदी नेताओं ने इजराइल की स्थापना की घोषणा कर दी. कई फिलिस्तीनियों ने इसका विरोध किया और युद्ध छिड़ गया. पड़ोसी अरब देशों ने इस मामले में सैन्य बल के साथ हस्तक्षेप किया. सैकड़ों-हजारों फिलिस्तीनी भाग गए या उन्हें अपने घरों से निकाल दिया गया, जिसे वे अल नकबा या "द कैटास्ट्रोफ" कहते हैं.

Latest and Breaking News on NDTV

युद्ध और शांति

पिछले कुछ सालों में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच कई झड़पें हुई हैं. इनमें से कुछ मामूली संघर्ष थे तो कुछ विनाशकारी. इनमें हजारों लोगों की मौत हुई.

सन 1987 में हरकत अल-मुकावामा अल-इस्लामिया (हमास) यानी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन की स्थापना की गई. यह सैन्य क्षमताओं वाला एक राजनीतिक समूह है, जिसे एक अंतरराष्ट्रीय सुन्नी इस्लामवादी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड की एक राजनीतिक शाखा के रूप में फिलिस्तीनी मौलवी शेख अहमद यासीन ने शुरू किया था.

दो फिलिस्तीनी विद्रोहों (इंतिफादा) ने इजराइल-फिलिस्तीनी संबंधों पर गहरा असर डाला, खासकर दूसरे विद्रोह ने. इसने 1990 के दशक की शांति प्रक्रिया को समाप्त कर दिया और एक नए संघर्ष का सिलसिला शुरू हो गया.दोनों इंतिफादा में हमास की भागीदारी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने 11 जुलाई 2000 को कैंप डेविड शिखर सम्मेलन बुलाया. इसमें इजराइली प्रधानमंत्री एहुद बराक और फिलिस्तीनी अथॉरिटी के चेयरमैन यासर अराफात को अंतिम दौर की गहन वार्ता के लिए एक साथ लाया गया. लेकिन यह शिखर सम्मेलन बिना किसी फैसले के समाप्त हो गया. इससे दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए.

Latest and Breaking News on NDTV
संघर्ष का मौजूदा दौर 

हमास ने वेस्ट बैंक में अरब और इस्लामी देशों से अपने लड़ाकों भेजकर इजराइल के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया है. संघर्ष के मौजूदा दौर में पूर्वी येरुशलम, गाजा और वेस्ट बैंक में इजराइलियों और फिलिस्तीनियों के बीच भारी तनाव बना हुआ है.

हमास को हथियार हासिल करने से रोकने के प्रयास में इजराइल और मिस्र ने गाजा की सीमाओं पर कड़ा नियंत्रण बना रखा है. इससे गाजा में मानवीय संकट पैदा हो गया है, कई लोग भोजन और पानी जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गाजा और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों का दावा है कि वे इजराइल के कदमों के कारण पीड़ित हैं. 

हमास के इजरायली क्षेत्र में हजारों रॉकेट दागने और फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा इजराइली नागरिकों पर कई हमले किए जाने के तथ्य का हवाला देते हुए इज़राइल का तर्क है कि वह केवल फिलिस्तीनी हिंसा से खुद को बचाने के लिए कदम उठा रहा है. 

यह भी पढ़ें -

हमास ने इजराइल पर दागे 5,000 रॉकेट, 40 की मौत; 500 से ज्यादा जख्मी

"कठिन घड़ी में इजराइल के साथ खड़े हैं" : हमास के हमले पर PM मोदी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com