भारत ने एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में अपनी स्थायी सीट की मांग दोहराई है. रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें ब्रिक्स समिट 2024 के आखिरी दिन गुरुवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए स्थापित संस्थानों में सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ये सुधार तत्काल किया जाना चाहिए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'नो वॉर' का मैसेज भी दोहराया. PM मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि यह समय जंग लड़ने का नहीं है. ये युद्ध का युग नहीं है. विवादों का निपटारा आपसी बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.
जयशंकर ने ब्रिक्स के आउटरीच सेशन में ये बातें कही. उन्होंने कहा, "ब्रिक्स ये दिखाता है कि पुरानी व्यवस्था कितनी गहराई से बदल रही है. साथ ही अतीत की कई असमानताएं भी जारी हैं, बल्कि उन्होंने नए तरीके अपना लिए हैं. ग्लोबलाइजेशन के फायदे बहुत असमान रहे हैं. ऐसे में दुनिया के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों को हासिल करने में काफी पीछे रह जाने का खतरा है."
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UNSC में अभी 10 अस्थायी सदस्य
भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है. वह स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करने की जरूरत पर जोर देता है. 1945 में गठित सुरक्षा परिषद के शुरू से 15 सदस्य हैं. इनमें से 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका UNSC के स्थायी सदस्य हैं. अस्थायी सदस्य हर 2 साल बाद बदले जाते हैं.
अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन कर चुके हैं. लेकिन चीन वीटो पावर के जरिए इसमें अड़ंगे डालता रहा है.
दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत
विदेश मंत्री ने कहा, "ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर में खामियों को ठीक करके जो औपनिवेशिक युग से विरासत में मिली हैं. दुनिया को तत्काल ज्यादा कनेक्टिविटी ऑप्शन की जरूरत है. ताकि लॉजिस्टिक्स में इजाफा हो और जोखिम कम हो. क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए अत्यधिक सम्मान के साथ, यह आम भलाई के लिए एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए. भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, इसका यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस, गतिशक्ति इन्फ्रास्ट्रक्चर सभी बड़ी प्रासंगिकता रखते हैं."
जयशंकर ने कहा, "इंटरनेशनल सोलर अलायंस, ग्लोबल बायो फ्यूल अलायंस, मिशन LiFE और इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस सामान्य हित की पहल हैं. हम इस पर उचित योगदान देना चाहते हैं."
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