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'हाथ मिलाया और...', जब NDTV वर्ल्ड समिट में जयशंकर ने सुनाई पाकिस्तान दौरे की कहानी

एससीओ समिट में पाकिस्तान को परोक्ष संदेश देते हुए जयशंकर ने कहा कि अगर सीमा पार गतिविधियां आतंकवाद की शक्ल में होंगी, तो व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग पनपने की संभावना नहीं है.

नई दिल्ली:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में हाल ही में संपन्न शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात होने की बात से इनकार किया. एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में उन्होंने कहा कि भारत एससीओ का एक अच्छा सदस्य हूं. हम बहुत सहयोगी थे और चाहते थे कि कार्यवाही सुचारू रहे. इसीलिए हाथ मिलाया और वापस आ गए.

एस जयशंकर ने शिखर सम्मेलन में मौजूद सभी लोगों के लिए आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में नवाज शरीफ के साथ एक छोटी बातचीत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया. शरीफ एससीओ नेताओं के लिए आधिकारिक रात्रिभोज के लिए जयशंकर का स्वागत कर रहे थे. इस दौरान करीब बीस सेकंड बातचीत चली और इस दौरान कुछ ही शब्द बोले गए.

केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा लगभग दस सालों में किसी भारतीय मंत्री की पहली यात्रा थी. इससे पहले किसी भारतीय विदेश मंत्री की आखिरी यात्रा सुषमा स्वराज ने की थी.

शासनाध्यक्षों की बैठक में अपने भाषण में, एस जयशंकर ने आतंकवाद और उग्रवाद पर चिंता व्यक्त की. पाकिस्तान को परोक्ष संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि अगर सीमा पार गतिविधियां आतंकवाद की शक्ल में होंगी, तो व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग पनपने की संभावना नहीं है.

भारतीय और चीनी सैनिक सीमा पर करेंगे गश्त
विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक उसी तरह से गश्त फिर से शुरू कर सकेंगे, जैसे वे मई 2020 में सीमा पर गतिरोध शुरू होने से पहले कर रहे थे. उनका ये बयान विदेश सचिव विक्रम मिस्री की घोषणा के कुछ घंटों बाद आया है कि भारत और चीन के बीच गश्त को लेकर सहमति बन गई है. हिमालय में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर व्यवस्था और इससे सैनिकों की वापसी और तनाव का समाधान हो सकता है.

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