रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों को दो देशों का दर्जा देकर खुद तो अमेरिका और पश्चिमी देशों की नाराज़गी मोल ले ही ली है अब रूस दूसरे देशों को भी पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी रिपब्लिक्स को मान्यता देने के लिए उकसा रहा है. एक दिन पहले ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहांस्क क्षेत्रों को अलग देश के तौर पर मान्यता दे दी थी. व्लादिमिर पुतिन ने इस आदेश के साथ कहा था कि इन क्षेत्रों में रूस अपने सैनिकों को "शांतिसेना" की तरह भेजेगा. रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा गया है, " रूस दूसरे देशों से रूस के उदाहरण का अनुसरण करने की अपील करता है."
आगे कहा गया कि रूस की तरफ से विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाके को मान्यता देने की पश्चिमी देश आलोचना कर रहे हैं. यह "आसान नहीं था" लेकिन यही एक संभावित कदम था.
राष्ट्रपति पुतिन की ओर से अलवावादियों को मान्यता दिए जाने के फैसले पर रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, " मानवीय ज़रूरतों को प्राथमिकता से ध्यान में रखते हुए" यह फैसला किया गया. रूस की तरफ से इसे दोनेत्सक (Donetsk) और लुहांस्क (Lugansk) क्षेत्र के लोगों को शांतिपूर्ण जीवन देने की गारंटी के तौर पर बताया जा रहा है.
पुतिन ने सोमवार रात अपने घंटे भर लंबे भाषण में यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को अलग देश के तौर पर मान्यता देने की घोषणा की.
इस भाषण के कुछ घंटे बाद, पुतिन ने रूसी सेना को पूर्वी यूक्रेन में "शांतिदूत सेना" के तौर पर जाने के आदेश जारी किए थे.
उधर यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Conflict) को लेकर ब्रिटेन (UK) ने एक आपातकालीन बैठक (Emergency Meeting) की. इस बैठक में रूस पर प्रतिबंध (Sanctions on Russia) लगाने की तैयारी की गई है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ( PM Boris Johnson) ने इस आपतकालीन बैठक की अध्यक्षता की. कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम-ए (Cobra) की यह बैठक मंगलवार सुबह हुई.
पूर्वी यूक्रेन (Eastern Ukraine) में दो अलग-अलग क्षेत्रों को मान्यता देने के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के निर्णय के मद्देनजर ब्रिटेन मास्को पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है. यह बैठक ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद के बयान के बाद हुई. जाविद ने कहा था कि उन क्षेत्रों में से एक दोनेस्क के पास टैंक देखे गए हैं, इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ‘यूक्रेन पर हमला शुरू हो चुका' है. रूस के इस कदम की व्यापक निंदा के बाद कोबरा बैठक हुई.
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