रूस (Russia) में व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की सरकार के खिलाफ बोलने के आरोप में एक रूसी पत्रकार (Russian Journalist) पर 100,000 रूबल का जुर्माना (Fine) लगाया गया है. पत्रकार पर आरोप है कि उसने रूस की सेना की आलोचना की. इल्या अरजर (ilya azar) नाम के पत्रकार का कहना है कि अधिकारियों ने उसके खिलाफ प्रशासनिक मामला बनाया. पत्रकार पर आरोप है कि उसने रूसी सेना की आलोचना कर रूसी संघ के हितों को नुकसान पहुंचाया और अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने में अपने नागरिकों के हितों का उल्लंघन किया.
रूस के सबसे स्वतंत्र अखबार Novaya Gazeta, के साथ जुड़े 37 साल के पत्रकार पर उनकी फेसबुक पोस्ट के कारण यह मामला दर्ज किया गया है, लेकिन इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई है.
अजर का कहना है कि वह 100,000 rubles ($1,455) के जुर्माने का सामना कर रहा है. उन्होंने व्यंगात्मक तरीके से कहा, "मुझे चिंता हो रही थी कि क्या वो मेरे बारे में भूल गए हैं या मैं युद्ध के खिलाफ साफ तौर पर नहीं बोल रहा हूं!"
राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जब पश्चिमी देशों का समर्थन करने वाले देश यूक्रेन में सेना भेजी थी तब अजर ने रूस छोड़ दिया था. वो फिलहाल एक यूरोपीय संघ के देश में है. रूस ने यूक्रेन में युद्ध शुरु करने के बाद से असहमति की आखिरी आवाज को भी बंद करना शुरू कर दिया था.
अधिकारियों ने रूसी सेना के खिलाफ ऐसी सूचना फैलाने पर 15 साल की सजा का प्रावधान रखा है जिसे रूस की सरकार झूठ मानती है. स्वतंत्र मीडिया आउटलेट जैसे नोवाया गेजेटा बंद कर दिए गए हैं या उनका काम स्थगित कर दिया गया है. साथ ही कई हजार रूसियों ने रूसी संसद की राजनीति का विरोध जताते हुए रूस छोड़ दिया है.
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