पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ द्वारा कश्मीर को 1947 में हुए देश विभाजन का 'अधूरा एजेंडा' और उसे पाकिस्तान का 'अविभाज्य' अंग बताने का करारा जवाब देते हुए पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बुधवार को कहा कि पड़ोसी देश 'गलत धारणाएं' पाल सकता है, लेकिन उससे हकीकत नहीं बदल सकती।
सिंह ने कहा, पाकिस्तान को न सिर्फ करगिल के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया को यातनाएं दिए जाने के लिए माफी मांगनी चाहिए बल्कि 1948, 1965 और 1971 के युद्धों में की गई अपनी कारगुजारियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए।
राहील ने पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में कहा, 'कश्मीर विभाजन का अधूरा रह गया एजेंडा है। पाकिस्तान और कश्मीर अविभाज्य हैं। ..जहां हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं, वहीं हम इस क्षेत्र में स्थायी शांति कायम करने के लिए कश्मीर मुद्दे का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप उचित समाधान करने के पक्षधर हैं।'
सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है वे गलत धारणा पाले हुए हैं। वह इस गलत धारणा को पाले रह सकते हैं। लेकिन इससे हकीकत में कोई बदलाव आने वाला नहीं है।'
इससे पहले जन भावना के आगे झुकते हुए सरकार ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कैप्टन कालिया को भारी यातनाएं दिए जाने के मामले में अपने रुख को बदलते हुए सोमवार को फैसला किया कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
सिंह ने कहा, पाकिस्तान को न सिर्फ करगिल के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया को यातनाएं दिए जाने के लिए माफी मांगनी चाहिए बल्कि 1948, 1965 और 1971 के युद्धों में की गई अपनी कारगुजारियों के लिए भी ऐसा करना चाहिए।
राहील ने पाकिस्तान में एक कार्यक्रम में कहा, 'कश्मीर विभाजन का अधूरा रह गया एजेंडा है। पाकिस्तान और कश्मीर अविभाज्य हैं। ..जहां हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं, वहीं हम इस क्षेत्र में स्थायी शांति कायम करने के लिए कश्मीर मुद्दे का संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कश्मीरी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप उचित समाधान करने के पक्षधर हैं।'
सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है वे गलत धारणा पाले हुए हैं। वह इस गलत धारणा को पाले रह सकते हैं। लेकिन इससे हकीकत में कोई बदलाव आने वाला नहीं है।'
इससे पहले जन भावना के आगे झुकते हुए सरकार ने पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कैप्टन कालिया को भारी यातनाएं दिए जाने के मामले में अपने रुख को बदलते हुए सोमवार को फैसला किया कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस में ले जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं