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This Article is From Mar 20, 2011

जापान में परमाणु संयंत्र में दबाव बढ़ा, विकिरण फैलेगा

टोक्यो: जापान के परमाणु सुरक्षा आयोग ने रविवार को कहा कि फुकुशिमा स्थित संकटग्रस्त परमाणु संयंत्र में दबाव काफी बढ़ गया है इसलिए वातावरण में और रेडियोधर्मी विकिरण छोड़ा जा सकता है। आयोग ने कहा कि संयंत्र संचालक कम्पनी को संयंत्र से दबाव जल्द से जल्द कम करने की जरूरत है इससे वातावरण में और रेडियोधर्मी भाप छोड़ी जा सकती है। सरकारी समाचार चैनल एनएचके के मुताबिक आयोग ने कहा कि ऐसा करना बेहद जरूरी है। 11 मार्च को आए विनाशकारी भूकम्प से यह संयंत्र बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ था और बिजली आपूर्ति बंद होने से इसके प्रशीतक तंत्र ने काम करना बंद कर दिया था। जापानी सेना के 11 सैन्य अग्निशमन वाहनों ने रविवार सुबह संयंत्र की इकाई संख्या चार पर 80 टन पानी डाला। संयंत्र को पिघलने से बचाने के लिए शुरू किए गए इस अभियान का रविवार को चौथा दिन है। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सुबह 9.30 बजे समाप्त हुए 70 मिनट तक चले अभियान के दौरान सयंत्र की इकाई संख्या चार पर पहली बार पानी डाला गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक इससे पहले रविवार सुबह ही 3.40 बजे समाप्त हुए 13 घंटे तक चले अभियान के दौरान संयंत्र की इकाई संख्या तीन पर 2,000 टन से ज्यादा पानी डाला गया। अग्निशमन विभाग के वाहन इकाई संख्या तीन पर रविवार शाम को पानी डालेंगे और इकाई संख्या चार पर भी दोबारा पानी डाला जाएगा। संयंत्र संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कम्पनी ने कहा कि कर्मचारी इकाई संख्या एक और दो में बिजली आपूर्ति शुरू करके प्रशीतक तंत्र सक्रिय बनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन संयंत्र संख्या दो में रविवार को बिजली आपूर्ति शुरू होना मुश्किल है। कम्पनी ने कहा कि बिजली आपूर्ति शुरू होने के बाद इकाई संख्या छह में प्रशीतक तंत्र (कूलिंग सिस्टम) ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके तापमान में करीब 40 डिग्री सेल्सियस की कमी आई है। जापान सरकार ने कहा कि टोक्यो और पड़ोसी प्रशासकीय क्षेत्रों के जलस्रोतों में रेडियोधर्मी विकिरण का असर पाया गया है लेकिन इनकी मात्रा स्वीकार्य स्तर पर है। वहीं राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने रविवार को कहा कि भूकम्प से अब तक 7,700 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है वहीं देश में 11,651 लोग अब भी लापता हैं। समाचार एजेंसी क्योडो के मुताबिक सेना, पुलिस और अग्निशमन दल के करीब 1,20,00 लोग बचाव एवं राहत कार्य में जुटे हुए हैं।

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