Donald Trump Exonerated from Charges: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्हें खोखले मामलों में फंसाया गया. एक्स पर एक पोस्ट लिखकर ट्रंप ने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाने के लिए डेमोक्रेट पार्टी ने जस्टिस डिपार्टमेंट को उनके पीछे लगा दिया और अमेरिकी जनता के 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा बरबाद किए. ट्रंप ने लिखा - इस तरह की बदले की राजनीति अमेरिका में कभी नहीं हुई. उन्होंने सरकारी वकीलों का मेरे खिलाफ दुरुपयोग किया. मेरे खिलाफ एक अभियान चलाया गया. हमारे देश में इतने निचले स्तर की राजनीति कभी नहीं हुई. लेकिन मैंने इनका सामना किया और जीता.
जस्टिम डिपार्टमेंट में बदलाव करेंगे ट्रंप
ट्रंप ने साफ संकेत दिए हैं कि सत्ता में आने के बाद वो जस्टिस डिपार्टमेंट में बड़े बदलाव करेंगे. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि डेमोक्रेट जाते-जाते कट्टर वामपंथी सोच वाले जजों की तैनाती चाह रहे हैं. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से अपील की थी कि वो ऐसे प्रयासों को रोकें.
These cases, like all of the other cases I have been forced to go through, are empty and lawless, and should never have been brought. Over $100 Million Dollars of Taxpayer Dollars has been wasted in the Democrat Party's fight against their Political Opponent, ME. Nothing like…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 25, 2024
ट्रंप ने लिखा, 'ये मामले, अन्य सभी मामलों की तरह, जिनसे मुझे गुजरने के लिए मजबूर किया गया है, खोखले और कानूनविहीन हैं, और इन्हें कभी भी दायर नहीं किया जाना चाहिए था. अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी यानी मेरे खिलाफ डेमोक्रेट पार्टी की लड़ाई में करदाताओं के $100 मिलियन से अधिक डॉलर बरबाद किए गए हैं. हमारे देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने राज्य अभियोजकों और जिला वकीलों का भी उपयोग किया है, जैसे कि फानी विलिस और उसके प्रेमी, नाथन वेड (जिनके पास इस तरह के मामलों में बिल्कुल शून्य अनुभव था, लेकिन उन्हें लाखों का भुगतान किया गया था, जो उनके लिए दुनियाभर में कई यात्राएं और जलयात्रा करने के लिए पर्याप्त था!), लेटिटिया जेम्स, जिन्होंने राजनीतिक कार्यालय जीतने के लिए अनुचित, अनैतिक और शायद अवैध रूप से "गेटिंग ट्रम्प" पर अभियान चलाया, और एल्विन ब्रैग, जो स्वयं कभी भी मेरे खिलाफ यह मामला नहीं लाना चाहते थे, लेकिन न्याय विभाग और डेमोक्रेट पार्टी द्वारा उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया. यह एक राजनीतिक चाल थी, और हमारे देश के इतिहास में एक निम्न स्तर का हथकंडा था, और फिर भी, मैं सभी बाधाओं के बावजूद डटा रहा और जीता. अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे!''
बता दें कि ट्रंप पर साल 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में हस्तक्षेप करने, साजिश करने का मामला चल रहा था.
अदाणी पर लगे आरोपों में ज्यादा दम नहीं
अदाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिका में लगे आरोपों के बीच ट्रंप के ये बयान अहम हैं. बता दें कि कानून की दुनिया के कई जानकारों को लगता है कि अदाणी ग्रुप के खिलाफ लगे इन आरोपों में ज्यादा दम नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये अदाणी ग्रुप और भारत की ग्रोथ स्टोरी के खिलाफ चल रही मुहिम की ही एक कड़ी हो सकती है. इसमें अमेरिका और यहां भारत में बैठे राजनीतिक-गैर राजनीतिक लोग शामिल हैं.
बाइडेन प्रशासन ने जाते-जाते यूक्रेन को रूस के खिलाफ लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इसकी भी आलोचना राजनयिकों ने की है. उनका कहना है कि जब अमेरिकी जनता ने बाइडेन को नकार दिया तो वो इतने अहम नतीजों वाले फैसले कैसे ले सकते हैं.
अदाणी पर ऐसे आरोप गलत कदम : कंवल सिब्बल
बता दें कि भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने भारत की भूमि पर भारतीय नागरिक द्वारा कथित रूप से की गई रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिकी अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने को गलत कदम करार दिया था. सिब्बल ने अमेरिकी अदालती कदम पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा कि वे इसे अमेरिका द्वारा खुद के न्यायिक अधिकारक्षेत्र का अतिक्रमण करना मानते हैं. कंवल सिब्बल ने अमेरिकी कार्रवाई को 'कतई मनमानी' और 'अमेरिका की ताकत का घटिया इस्तेमाल' करार दिया था. पूर्व विदेश सचिव सिब्बल का मानना है कि अगर अमेरिका के पास भारत में रिश्वतखोरी की कोई जानकारी थी, तो उन्हें भारतीय कानूनी सिस्टम से संपर्क कर जानकारी देनी चाहिए थी, और किसी भारतीय नागरिक पर एकतरफा मुकदमा नहीं चलाना चाहिए था.
ब्रह्मा चेलानी ने क्या कहा
अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि बिना भारत को विश्वास में लिए भारत के उद्योगपति के खिलाफ आरोप लगाना गलत है. भारत और अमेरिका रणनीतिक साझेदार हैं. इस प्रकार के आरोपों से रिश्ते खराब होते हैं. अदाणी पर आरोप राजनीति से प्रेरित है. इस पर आगे की कार्रवाई ट्रंप प्रशासन को करनी है. यह आने वाले समय बताएगा कि ट्रंप प्रशासन क्या कदम उठाता है.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)
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