विज्ञापन
This Article is From Jun 05, 2020

Covid-19 के इलाज में Hydroxychloroquine को खतरा बताने वाले रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी ली वापस

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर एक बड़ी स्टडी में कहा गया था कि इस दवा से कोविड-19 के इलाज में कोई खास मदद नहीं मिलेगी, वहीं इससे मरीज की अस्पताल में मौत होने की आशंका बढ़ जाती है.

Covid-19 के इलाज में Hydroxychloroquine को खतरा बताने वाले रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी ली वापस
स्टडी में कहा गया था कि इस दवा से मरीज की अस्पताल में मौत होने की आशंका ज्यादा है.
वॉशिंगटन:

कोविड-19 (Covid-19) के इलाज में इस्तेमाल की जा रही मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Anti-malaria drug Hydrochloroquine) दवा को खतरा बताने वाले रिसर्चर्स ने अपना दावा वापस ले लिया है. साइंस जर्नल Lancet में अपनी स्टडी पब्लिश करने वाले चार रिसर्चर्स में से तीन ने गुरुवार को अपनी स्टडी को वापस लेने की घोषणा कर दी. इन सभी लोगों ने इस दवा को लेकर एक बड़ी स्टडी की थी और कहा था कि इस दवा से कोविड-19 के इलाज में कोई खास मदद नहीं मिलेगी, वहीं इससे मरीज की अस्पताल में मौत होने की आशंका बढ़ जाती है. अपनी स्टडी वापस लेने के पीछे इन रिसर्चर्स ने एक हेल्थकेयर कंपनी को वजह बताया है.

इस रिसर्च में 96,000 मरीजों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया था, जिसमें पाया गया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से कोरोनवायरस के खिलाफ कोई मदद नहीं मिलती, अलबत्ता यह मलेरिया-रोधी दवाई हार्ट एरिथिमिया कंडीशन होने की आशंका बढ़ा देती है, जिसके चलते मरीज की अस्पताल में ही मौत हो सकती है.

इस रिसर्च के सामने आने के बाद WHO (World Health Organization) ने इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल्स को लेकर रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बाद वैज्ञानिरों के बीच इस बात को लेकर चिंता उठने लगी कि कई देश और अस्पताल कोरोनवायरस पर सही या पूरी जानकारी नहीं उपलब्ध करा रहे हैं. 

इस रिसर्च को लीड करने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मनदीप मेहरा, यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ज्यूरिख के फ्रैंक रशित्ज्क और यूनिवर्सिटी ऑफ यूटा के प्रोफेसर अमित पटेल ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने एक डेटा के विश्लेषण के लिए एक थर्ड पार्टी रिव्यू शुरू करने की कोशिश की थी  लेकिन रिकॉर्ड सप्लाई करने वाली शिकागो की हेल्थ केयर एनालिटिक्स कंपनी Surgisphere, जिसका नाम काफी बड़ा नहीं है, ने सहयोग देने से इनकार कर दिया. रिव्यूअर्स को रिकॉर्ड को वेरिफाई करने और स्टडी में सामने आए तथ्यों को रेप्लिकेट करने के लिए कहा गया था, लेकिन फर्म ने उनकी मदद नहीं की. Surgisphere के CEO और वैस्कुलर सर्जन सपन देसाई ने रिसर्चर्स के इस बयान पर कोई भी टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है.

इसके बाद रिसर्चर्स की ओर से कहा गया है कि ऐसी स्थिति में अब उन्हें जो प्राइमरी रिसर्च में जो डेटा सोर्स मिला है, उसकी पुष्टि नहीं की जा सकती. ऐसे में रिसचर्स इस स्टडी को वापस ले रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने यह रिसर्च कोविड-19 महामारी में सच्ची मदद के लिए की थी लेकिन वो इसमें नाकाम रहे हैं इसलिए माफी मांगते हैं.

वीडियो: कोरोना के इलाज में एक और उम्मीद

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com