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PM मोदी का अफ्रीका में साष्टांग स्वागत... जानें महिलाओं के जमीन पर लेटकर वेलकम का क्या है कल्चर

इस बार 'जी-20 लीडर्स' समिट का आयोजन जोहान्सबर्ग में हो रहा है. यह विकासशील देशों में आयोजित होने वाला लगातार चौथा जी20 समिट होगा. इसमें प्रधानमंत्री मोदी 'जी-20' एजेंडा पर भारत का दृष्टिकोण पेश करेंगे.

PM मोदी का अफ्रीका में साष्टांग स्वागत... जानें महिलाओं के जमीन पर लेटकर वेलकम का क्या है कल्चर
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जोहान्सबर्ग पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ
  • वेंडा समुदाय की महिलाओं ने जमीन पर लेटकर पीएम मोदी का सम्मान किया, जो अत्यंत सम्मान का प्रतीक माना जाता है
  • मोदी जी-20 लीडर्स समिट में भाग लेंगे, जहां वे भारत का दृष्टिकोण तीन सत्रों में प्रस्तुत करेंगे
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जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका):

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने तीन दिवसीय दक्षिण अफ्रीका दौरे पर जोहान्सबर्ग पहुंचे. यहां उनका गर्मजोशी के साथ भव्य स्वागत किया गया. गौतेंग के वाटरलूफ वायु सैनिक अड्डे (एएफबी) पर पारंपरिक तरीके से कलाकारों ने सांस्कृतिक गीत और नृत्य पेश किए. इस दौरान वहां की महिलाओं का जमीन पर लेटकर अभिवादन करना सुर्खियों में रहा. इसे पीएम मोदी के इस दौरे को खास बनाने के लिए स्वागत नृत्य के बाद विशेष धन्यवाद के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि कई लोगों के मन में ये सवाल उठे कि स्वागत के लिए ऐसा क्यों किया गया, तो आइए आपको इसका जवाब बताते हैं.

दरअसल स्वागत का ये भाव वहां के वेंडा समुदाय की ओर से प्रदर्शित किया गया. यह बहुत ही अनोखा है. यह किसी आगंतुक के प्रति अत्यंत सम्मान का प्रतीक है. राष्ट्रपति रामफोसा वेंडा समुदाय से ही हैं. इसलिए इसका अर्थ यह लगाया जा सकता है कि रामफोसा प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहे थे.
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पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोजित होने वाले 'जी-20 लीडर्स' समिट में हिस्सा लेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित कार्यक्रमों के लिए जोहान्सबर्ग पहुंच गया हूं. प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा है. हमारा ध्यान सहयोग को मजबूत करने, विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर रहेगा.

इस बार 'जी-20 लीडर्स' समिट का आयोजन जोहान्सबर्ग में हो रहा है. यह विकासशील देशों में आयोजित होने वाला लगातार चौथा जी20 समिट होगा. इसमें प्रधानमंत्री मोदी 'जी-20' एजेंडा पर भारत का दृष्टिकोण पेश करेंगे. उनके समिट के तीनों सत्रों में संबोधित करने की उम्मीद है.

शिखर सम्मेलन के पहले सत्र का विषय “समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे : हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण, व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण का बोझ” है.

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वहीं, दो अन्य सत्र का विषय “एक लचीली दुनिया-जी-20 का योगदान : आपदा जोखिम न्यूनीकरण, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य प्रणालियां”; और “सभी के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत भविष्य : महत्वपूर्ण खनिज, सभ्य कार्य, कृत्रिम बुद्धिमत्ता” रखा गया है.

2023 में जी-20 की भारत की प्रेसीडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन जी-20 का मेंबर बना था. यह समिट दुनिया के खास मुद्दों पर बात करने का एक मौका होता है. इस साल के जी-20 की थीम 'एकजुटता, समानता और सस्टेनेबिलिटी' है, जिसके जरिए साउथ अफ्रीका ने भारत और ब्राजील में हुए पिछले आयोजनों के नतीजों को आगे बढ़ाया है.

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‘ग्लोबल साउथ' से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित के रूप में जाना जाता है. ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के उनके समकक्ष शी चिनफिंग जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं.

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