इजराइल में नाजी नरसंहार में मृत लोगों को येद वाशेम होलोकॉस्ट स्मारक में पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि दी.
यरूशलम:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इस्राइल के 'येद वाशेम होलोकॉस्ट' स्मारक का दौरा किया और नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की. यह नरसंहार मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है जिसमें नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख यहूदियों को मार दिया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस्राइल के सबसे बड़े होलोकॉस्ट स्मारक पर गए.
1953 में यरूशलम के समीप माउंट आफ रिमेम्बरेंस में येद वाशेम को एक संगठन के तौर पर शुरू किया था जो भावी पीढ़ियों के लिए एक संदर्भ की तरह था जहां होलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृतियों और यहूदी लोगों के इतिहास को सुरक्षित रखा गया है.
यह स्मारक 4200 वर्गमीटर क्षेत्र में मुख्य रूप से भूमिगत है जहां मूल कलाकृतियों के जरिए पीड़ितों के अनुभवों, जीवित बचे लोगों की गवाही और निजी वस्तुओं को रखा गया है. नए येद वाशेम को 2005 में खोला गया था.
इस संग्रहालय में आगे जाकर हॉल आफ नेम्स है जहां नरसंहार के 30 लाख पीड़ितों के नामों को पेश किया गया है. यह नाम उनके परिवारों और रिश्तेदारों ने सौंपे थे.
नरसंहार में एडोल्फ हिटलर के नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था जिसमें करीब पंद्रह लाख बच्चे थे. हालांकि यहूदियों के खात्मे की शुरुआत 1933 में हो गई थी लेकिन चार साल से अधिक समय के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक साथ बड़े पैमाने पर यहूदियों को खत्म कर दिया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस्राइल के सबसे बड़े होलोकॉस्ट स्मारक पर गए.
1953 में यरूशलम के समीप माउंट आफ रिमेम्बरेंस में येद वाशेम को एक संगठन के तौर पर शुरू किया था जो भावी पीढ़ियों के लिए एक संदर्भ की तरह था जहां होलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृतियों और यहूदी लोगों के इतिहास को सुरक्षित रखा गया है.
यह स्मारक 4200 वर्गमीटर क्षेत्र में मुख्य रूप से भूमिगत है जहां मूल कलाकृतियों के जरिए पीड़ितों के अनुभवों, जीवित बचे लोगों की गवाही और निजी वस्तुओं को रखा गया है. नए येद वाशेम को 2005 में खोला गया था.
इस संग्रहालय में आगे जाकर हॉल आफ नेम्स है जहां नरसंहार के 30 लाख पीड़ितों के नामों को पेश किया गया है. यह नाम उनके परिवारों और रिश्तेदारों ने सौंपे थे.
नरसंहार में एडोल्फ हिटलर के नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था जिसमें करीब पंद्रह लाख बच्चे थे. हालांकि यहूदियों के खात्मे की शुरुआत 1933 में हो गई थी लेकिन चार साल से अधिक समय के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक साथ बड़े पैमाने पर यहूदियों को खत्म कर दिया गया.
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