पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद बृहस्पतिवार को अचानक काबुल पहुंचकर तालिबान के नेताओं से मुलाकात की और अफगानिस्तान के लोगों को आर्थिक संकट से बचाने के लिये 500 करोड़ रुपये की मानवीय मदद देने का वादा किया. कुरैशी ने अफगानिस्तान के अंतरिम प्रधान मंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद से मुलाकात की और यह प्रमुखता से कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में स्थायी शांति और स्थिरता चाहता है.
पाकिस्तान ने अभी तक तालिबान के नेतृत्व वाली अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार को मान्यता नहीं दी है. तालिबान की अंतरिम सरकार अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करने में विफल रही है. कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान अफगान लोगों को आर्थिक संकट से बचाने के लिए उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को 500 करोड़ रुपये की मानवीय सहायता प्रदान करेगा और द्विपक्षीय व्यापार की सुविधा के लिए अफगानिस्तान से ताजे फलों और सब्जियों के शुल्क मुक्त आयात की भी अनुमति देगा. समाचार पत्र ''द डॉन'' की खबर के अनुसार बैठकों के बाद मीडिया से बात करते हुए कुरैशी ने कहा कि तालिबान नेतृत्व के साथ उनकी विस्तृत और परिणामोन्मुखी चर्चा हुई.
अगस्त के मध्य में तालिबान के सत्ता में आने के बाद कुरैशी पहली बार अफगानिस्तान गये. वह तालिबान के सत्ता में आने के बाद से अफगानिस्तान का दौरा करने वाले किसी देश के तीसरे विदेश मंत्री हैं. इससे पहले कतर और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अफगानिस्तान का दौरा कर चुके हैं.
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ भी बातचीत की. काबुल की एक दिन की यात्रा से लौटने के बाद इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा पार व्यापार चौबीस घंटे सातों दिन खुला रहेगा और खराब होने वाले सामान ले जाने वाले वाहनों के लिए एक विशेष लेन की स्थापना की जाएगी.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)