- पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ने जनरल आसिम मुनीर को आक्रामक तानाशाह और मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति बताया.
- इमरान खान ने जेल में रहते हुए मुनीर के शासन में अत्याचार की अभूतपूर्व सीमा होने का आरोप लगाया है.
- इमरान ने PTI कार्यकर्ताओं की हत्या और पुलिस की कार्रवाई को सत्ता के अंधाधुंध दमन का उदाहरण बताया है.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पर नए सिरे से हमला बोला है. इमरान खान ने मुनीर को मुनीर को पाकिस्तान के इतिहास में 'सबसे आक्रामक तानाशाह' करार दिया है. जेल में बंद पूर्व पीएम ने मुनीर को 'मानसिक तौर पर अस्थिर' व्यक्ति भी करार दिया है. इमरान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं और उन पर कई मामलों में मुकदमा दर्ज है.
मानसिक तौर पर अस्थिर
इमरान ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर मुनीर को लेकर नई प्रतिक्रियाएं जारी की हैं. उन्होंने लिखा, 'आसिम मुनीर पाकिस्तान के इतिहास में सबसे आक्रामक तानाशाह और मानसिक तौर पर एक अस्थिर व्यक्ति है. उनके शासन में अत्याचार की सीमा अभूतपूर्व है. मुनीर, सत्ता की लालच में कुछ भी कर सकते हैं.' इमरान ने अपनी पोस्ट में कई हालिया घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि ये घटनाएं 'सत्ता के अंधाधुंध इस्तेमाल' के सबसे बुरे उदाहरण हैं.
बुशरा बीबी का जिक्र
इमरान का इशारा इस्लामाबाद में सुरक्षाकर्मियों की तरफ से हुई सीधी गोलीबारी में उनकी पार्टी PTI के कार्यकर्ताओं की हत्या और मुरीदके में तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पर पुलिस की कार्रवाई की तरफ था. उन्होंने कहा, 'निहत्थे नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी ऐसी चीज है जिसकी कोई भी सभ्य समाज कल्पना भी नहीं कर सकता. किसी भी और युग में महिलाओं के खिलाफ इस तरह की क्रूरता नहीं देखी गई.' खान ने कहा कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सिर्फ उन पर दबाव बनाने के लिए एकांत कारावास में रखा गया है.
'तो मौत चुनना पसंद करेंगे'
इमरान ने कहा, 'हम गुलामी की बजाय मौत को चुनना पसंद करेंगे. आसिम मुनीर मुझ पर और मेरी पत्नी पर हर तरह का अत्याचार कर रहे हैं. किसी भी राजनेता के परिवार को ऐसी क्रूरता का सामना नहीं करना पड़ा. मैं एक बार फिर साफ कर देना चाहता हूं, चाहे वह (मुनीर) कुछ भी करें, मैं उनके आगे नहीं झुकूंगा.' खान ने कहा कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी, शहबाज शरीफ की फॉर्म-47 सरकार या ताकतवर मिलिट्री से कोई बातचीत नहीं करेगी.
उन्होंने कहा, 'एक कठपुतली सरकार के साथ बातचीत करना तब बेमानी है जब उसका प्रधानमंत्री 'जवाब देने से पहले पूछूंगा' की नीति पर काम करता हो. बातचीत इसलिए भी बेकार है क्योंकि जब भी हमने बातचीत की कोशिश की, दमन और तेज हुआ.इस समय सारी शक्ति एक व्यक्ति - आसिम मुनीर - के हाथ में है, जो अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.'
जानबूझकर खींच रहे मुकदमों को
खान ने आगे कहा कि किसी भी बातचीत के बारे में अंतिम निर्णय तहरीक तहफुज-ए-ऐन पाकिस्तान (संविधान संरक्षण आंदोलन) के सहयोगी, महमूद खान अचकजई और अल्लामा राजा नासिर अब्बास की तरफ से लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्हें जेल में रखने के लिए उनके खिलाफ मामलों को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है. इमरान के मुताबिक, 'सभी जानते हैं कि ये मामले निराधार हैं और अंततः ध्वस्त हो जाएँगे, इसीलिए इनकी सुनवाई रोकी जा रही है.'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं