इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को शनिवार को एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने 4 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्हें 2007 में आपातकाल लगाए जाने से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद अदालत ने एक पखवाड़े के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने मुशर्रफ के वकील और उनके खिलाफ याचिका दायर करने वाले कई व्यक्तियों के वकील के तर्क सुनने के बाद 69-वर्षीय पूर्व सैन्य शासक को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया। जैदी ने आदेश सुनाने से पहले कुछ देर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 4 मई को मुशर्रफ को फिर अदालत में पेश किया जाए।
इस्लामाबाद के सेक्टर एफ-8 स्थित अदालत परिसर में सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील कमर अफजल ने न्यायाधीश को बताया कि वह आपातकाल के दौरान 60 से अधिक न्यायाधीशों को नजरबंद किए जाने के मामले की जांच में पुलिस अधिकारियों का सहयोग कर रहे हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाना चाहिए।
अफजल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर मुशर्रफ को पुलिस हिरासत में भेजे जाने के किसी भी कदम का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा अपनी जमानत रद्द किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। मुशर्रफ के खिलाफ याचिका दायर करने वाले लोगों के वकील अशरफ गुज्जर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को पुलिस हिरासत में भेजा जाना चाहिए, क्योंकि आपातकाल लगाए जाने से संबंधित मामले में उनके खिलाफ नए सिरे से जांच की जरूरत होगी।
आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी ने मुशर्रफ के वकील और उनके खिलाफ याचिका दायर करने वाले कई व्यक्तियों के वकील के तर्क सुनने के बाद 69-वर्षीय पूर्व सैन्य शासक को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश जारी किया। जैदी ने आदेश सुनाने से पहले कुछ देर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 4 मई को मुशर्रफ को फिर अदालत में पेश किया जाए।
इस्लामाबाद के सेक्टर एफ-8 स्थित अदालत परिसर में सुनवाई के दौरान मुशर्रफ के वकील कमर अफजल ने न्यायाधीश को बताया कि वह आपातकाल के दौरान 60 से अधिक न्यायाधीशों को नजरबंद किए जाने के मामले की जांच में पुलिस अधिकारियों का सहयोग कर रहे हैं और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाना चाहिए।
अफजल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर मुशर्रफ को पुलिस हिरासत में भेजे जाने के किसी भी कदम का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा अपनी जमानत रद्द किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। मुशर्रफ के खिलाफ याचिका दायर करने वाले लोगों के वकील अशरफ गुज्जर ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को पुलिस हिरासत में भेजा जाना चाहिए, क्योंकि आपातकाल लगाए जाने से संबंधित मामले में उनके खिलाफ नए सिरे से जांच की जरूरत होगी।
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