
खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान जिले में गोलीबारी के दौरान एक प्रतिबंधित संगठन से जुड़े एक पाकिस्तानी सेना के कैप्टन और कम से कम 10 आतंकवादी मारे गए. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने इसकी जानकारी दी. सेना के मीडिया विंग के एक बयान में कहा गया है कि इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की रिपोर्ट के बाद गुरुवार को खुफिया जानकारी आधारित ऑपरेशन (आईबीओ) चलाया गया. इसमें कहा गया है कि भीषण गोलीबारी के दौरान कैप्टन हसनैन अख्तर ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपने सैनिकों का नेतृत्व करते हुए शहीद हो गए. आईएसपीआर ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों से हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ कई हमलों के साथ-साथ निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे.
इसमें आगे कहा गया, "इलाके में एक अभियान चलाया जा रहा है और सुरक्षा बल देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. बहादुर युवा अधिकारियों के ऐसे बलिदान हमारे संकल्प को और मजबूत करते हैं." 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से देश में आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के सीमावर्ती प्रांतों में कानून लागू करने वालों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर.
थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में देश में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई. जो कि पिछले महीने की तुलना में 42 प्रतिशत हुई है. आंकड़ों से पता चला है कि देश भर में कम से कम 74 आतंकवादी हमले दर्ज किए गए, जिसके परिणामस्वरूप 91 मौतें हुईं, जिनमें 35 सुरक्षाकर्मी, 20 नागरिक और 36 आतंकवादी शामिल हैं.
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