- पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन से एक नया पद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाया जाएगा- तीनों सेनाओं का चीफ
- आर्मी चीफ आसिम मुनीर को व्यापक अधिकार मिलेंगे जिसमें नियुक्ति, प्रमोशन और न्यूक्लियर फोर्स की कमान शामिल है
- सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां कम कर दी जाएंगी और संवैधानिक मुद्दों के लिए एक नया संघीय संवैधानिक न्यायालय बनेगा
पाकिस्तान अपने इतिहास के सबसे बड़े संविधान संशोधन में से एक को करने की तैयारी में है. पाकिस्तान में 27वें संवैधानिक संशोधन पर संसदीय समिति की रिपोर्ट सोमवार, 11 नवंबर को संसद में पेश की गई है. इसपर बहस के बाद इस संविधान संशोधन बिल पर सीनेट (एक तरह से राज्यसभा) में वोटिंग होगी और उसके बाद नेशनल असेंबली (लोकसभा) में वोट डाला जाएगा. पाकिस्तान के अंदर ही इस संविधान संशोधन बिल का विरोध हो रहा है क्योंकि इसके बाद आर्मी चीफ आसिम मुनीर को और अधिक शक्तिशाली बना दिया जाएगा, उनके लिए रक्षा बलों के प्रमुख (CDF) नाम से एक नया और शक्तिशाली पद लाया जा रहा है. एक तरफ तो सेना को पावर दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को कमजोर करने की भी तैयारी है. सुप्रीम कोर्ट से अलग एक संघीय संवैधानिक न्यायालय (फेडरल कॉस्टीट्यूशन कोर्ट) बनाया जा रहा है.
पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार की इन कोशिशों के खिलाफ पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई हैं और वो पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन की तैयारी में है. चलिए आपको बताते हैं कि पाकिस्तान में 27वें संवैधानिक संशोधन के जरिए क्या करने की कोशिश है और यह सेना के सामने सरकार का सरेंडर क्यों है?
27वें संवैधानिक संशोधन के जरिए क्या बदला जाएगा?
- डॉन की रिपोर्ट के अनुसार 27वां संवैधानिक संशोधन पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 243 में बड़ा बदलाव करेगा. इसके जरिए सबसे बड़ा बदलाव पाकिस्तान की सैन्य कमान पदानुक्रम में होगा. अब एक चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नाम का नया पद बनाया जाएगा और चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (JCSC) के ऑफिस को खत्म कर दिया जाएगा. JCSC का पद 27 नवंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा.
- वैसे मकसद तो तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय और एकीकृत कमान सुनिश्चित करने के लिए रक्षा बल प्रमुख का नया पद बनाने की है लेकिन इससे मौजूदा आर्मी चीफ आसिम मुनीर को सुप्रीम बना दिया जाएगा. इसके तहत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर सेना प्रमुख और रक्षा बल प्रमुख की नियुक्ति करेंगे. इसमें आगे कहा गया है कि थलसेना अध्यक्ष रक्षा बलों के प्रमुख भी होंगे. यानी अब थलसेना का प्रमुख ही नौसेना और वायुसेना का भी प्रमुख होगा.
- CDF का पद सेना पर मुनीर के कंट्रोल को और मजबूत करेगा. उन्हें नियुक्तियों, प्रमोशन और हर ऑपरेशन पर कंट्रोल के लिए व्यापक अधिकार मिलेंगे. उनके पास पाकिस्तान के न्यूक्लियर फोर्स के प्रमुख की नियुक्ति का अधिकार भी होगा.
- इसके तहत फील्ड मार्शल रैंक को आजीवन मिलने वाला दर्जा बनाया जाएगा. यानी इसके बाद आसिम मुनीर को आजीवन इस पद से जुड़ी सुविधाएं मिलेंगी.
- इसका एक उद्देश्य पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों को कम करना भी है. सुप्रीम कोर्ट से अलग एक संघीय संवैधानिक न्यायालय (फेडरल कॉस्टीट्यूशन कोर्ट) बनाया जा रहा है. अब पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट संवैधान की व्याख्या और सरकारों के बीच के विवादों का निपटारा नहीं करेगा बल्कि यह शक्ति फेडरल कॉस्टीट्यूशन कोर्ट को पास होगा.
- इसके अलावा पाकिस्तान के राष्ट्रपति को पूरी जिंदगी कानूनी कार्रवाई से छूट मिल जाएगी.
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