कोलकाता:
सरकार ने नार्वे में प्रवासी भारतीय बच्चों के संरक्षण के विवाद के सिलसिले में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का दौरा रोक दिया है और कहा कि बच्चों के माता-पिता के बीच मतभेद की खबरों के मद्देनजर वह वहां स्थित अपने दूतावास से ताजा जानकारी का इंतजार कर रहा है।
विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने संसद के बाहर बताया, ‘सरकार ने बच्चों की घर वापसी के लिए अपनी पूरी कोशिश की है, ताकि देश में उनका भविष्य बन सके। लेकिन नए हालात पैदा हो गए हैं हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। संयुक्त सचिव की यात्रा (नार्वे) स्थगित कर दी गई है।’ उन्होंने कहा कि सरकार अगला कदम उठाने से पहले हालात पर विचार करेगी।
बाल कल्याण विभाग में सूचना अधिकारी थॉमस बोर ओलसेन ने नार्वे से बताया कि नार्वे की एक स्थानीय अदालत में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होने का कार्यक्रम है।
इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी पत्नी सागरिका के साथ कानूनन अलग होने के लिए अर्जी दी है, इस पर अनुरूप भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि घर में कुछ ‘टाली नहीं जा सकने वाली’ परिस्थितयां रही होंगी, लेकिन हमने तलाक के लिए अदालत का रूख नहीं किया है। ‘हम (मैं और मेरी पत्नी) एक साथ इस मामले पर लड़ रहे हैं।’ पिछले साल मई में अभिज्ञान (तीन) और ऐश्वर्य (एक) को अपने माता पिता से अलग कर वहां बाल संरक्षण केंद्र में रख दिया गया था।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि मंत्रालय भट्टाचार्य के पारिवारिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि अपने दूतावास से ठोस रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले खबर आई थी की नॉर्वे में रह रहे भारतीय दंपति को बच्चों की कस्टडी मामले में नया मोड़ आ गया है। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक बच्चों के पिता ने वहां के अधिकारियों से बात कर बच्चों के नॉर्वे में ही रहने की इच्छा जताई है हालांकि बच्चों के पिता ने इस बयान से इनकार किया है।
सूत्रों ने खबर दी कि बच्चों के पिता अनुरूप भट्टाचार्य के मुताबिक उनकी पत्नी सागरिका को गंभीर मानसिक समस्या है। बच्चों की कस्टडी पाने के लिए उन्होंने इस बात को छुपाया था। अनुरूप अब सागरिका से तलाक चाहता है क्योंकि वह कई बार उन पर हमला कर चुकी है।
अनुरूप ने यह आशंका भी जाहिर की थी कि अगर दोनों बच्चे भारत पहुंच जाते हैं तो तलाक के हालत में बच्चों की कस्टडी उनकी मां सागरिका को मिल सकती है खबर यह भी है कि बच्चों के चाचा ने भी बच्चों की कस्टडी लेने से अब इनकार कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार नॉर्वे में अविज्ञान और ऐश्वर्य के परिवार से बात करेगी और अगर मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा निकला तो भारत सरकार पूरे विवाद से अपना हाथ खींच लेगी। गौरतलब है कि नॉर्वे में इन बच्चों के मां−बाप से अलग किए जाने के बाद से ही भारत सरकार उनकी वापसी के लिए राजनीतिक कोशिशें तेज कर दी है।
वहीं सागरिका के मानसिक तौर पर ठीक नहीं होने की बात को उसके परिवार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सागरिका की मां के मुताबिक अनरूप और सागरिका एक-दूसरे से काफी खुश हैं और उनके अलग होने की खबर महज अफवाह है।
(इनपुट भाषा से भी)
विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने संसद के बाहर बताया, ‘सरकार ने बच्चों की घर वापसी के लिए अपनी पूरी कोशिश की है, ताकि देश में उनका भविष्य बन सके। लेकिन नए हालात पैदा हो गए हैं हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते। संयुक्त सचिव की यात्रा (नार्वे) स्थगित कर दी गई है।’ उन्होंने कहा कि सरकार अगला कदम उठाने से पहले हालात पर विचार करेगी।
बाल कल्याण विभाग में सूचना अधिकारी थॉमस बोर ओलसेन ने नार्वे से बताया कि नार्वे की एक स्थानीय अदालत में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होने का कार्यक्रम है।
इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने अपनी पत्नी सागरिका के साथ कानूनन अलग होने के लिए अर्जी दी है, इस पर अनुरूप भट्टाचार्य ने बुधवार को कहा कि घर में कुछ ‘टाली नहीं जा सकने वाली’ परिस्थितयां रही होंगी, लेकिन हमने तलाक के लिए अदालत का रूख नहीं किया है। ‘हम (मैं और मेरी पत्नी) एक साथ इस मामले पर लड़ रहे हैं।’ पिछले साल मई में अभिज्ञान (तीन) और ऐश्वर्य (एक) को अपने माता पिता से अलग कर वहां बाल संरक्षण केंद्र में रख दिया गया था।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि मंत्रालय भट्टाचार्य के पारिवारिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता है। उन्होंने कहा कि अपने दूतावास से ठोस रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले खबर आई थी की नॉर्वे में रह रहे भारतीय दंपति को बच्चों की कस्टडी मामले में नया मोड़ आ गया है। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक बच्चों के पिता ने वहां के अधिकारियों से बात कर बच्चों के नॉर्वे में ही रहने की इच्छा जताई है हालांकि बच्चों के पिता ने इस बयान से इनकार किया है।
सूत्रों ने खबर दी कि बच्चों के पिता अनुरूप भट्टाचार्य के मुताबिक उनकी पत्नी सागरिका को गंभीर मानसिक समस्या है। बच्चों की कस्टडी पाने के लिए उन्होंने इस बात को छुपाया था। अनुरूप अब सागरिका से तलाक चाहता है क्योंकि वह कई बार उन पर हमला कर चुकी है।
अनुरूप ने यह आशंका भी जाहिर की थी कि अगर दोनों बच्चे भारत पहुंच जाते हैं तो तलाक के हालत में बच्चों की कस्टडी उनकी मां सागरिका को मिल सकती है खबर यह भी है कि बच्चों के चाचा ने भी बच्चों की कस्टडी लेने से अब इनकार कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार नॉर्वे में अविज्ञान और ऐश्वर्य के परिवार से बात करेगी और अगर मामला पारिवारिक विवाद से जुड़ा निकला तो भारत सरकार पूरे विवाद से अपना हाथ खींच लेगी। गौरतलब है कि नॉर्वे में इन बच्चों के मां−बाप से अलग किए जाने के बाद से ही भारत सरकार उनकी वापसी के लिए राजनीतिक कोशिशें तेज कर दी है।
वहीं सागरिका के मानसिक तौर पर ठीक नहीं होने की बात को उसके परिवार ने सिरे से खारिज कर दिया है। सागरिका की मां के मुताबिक अनरूप और सागरिका एक-दूसरे से काफी खुश हैं और उनके अलग होने की खबर महज अफवाह है।
(इनपुट भाषा से भी)
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