नई दिल्ली:
प्रवासी भारतीय दंपति के बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को करीब 10 माह तक पालन केन्द्र में रखने के बाद नार्वे के बाल कल्याण सेवा (सीडब्ल्यूएस) ने गुरुवार को रात कहा कि वह बच्चों को उनके चाचा अरुणाभाष भट्टाचार्य को सौंप देगा।
सीडब्लयूएस के संचार सलाहकार थॉमस बोरे ओल्सेन ने ईमेल के माध्यम से जारी एक बयान में कहा, ‘बाल कल्याण मामले में सीडब्लयूएस अब दो भारतीय बच्चों का संरक्षण उनके चाचा को सौंपने की सिफारिश करता है। इस मामले में अंतिम फैसला 17 अप्रैल को स्तावनगैर जिला अदालत करेगी।’
उन्होंने कहा कि अगर अदालत यह निर्णय करती है कि बच्चों को सरकारी अधिकारियों के संरक्षण से हटा दिया जाना चाहिए, ‘जितनी जल्दी मुमकिन हो समझौते को लागू किया जाना चाहिए। चाचा बच्चों को अपने संरक्षण में ले सकते हैं और उन्हें भारत वापस ले जा सकते हैं।’ नार्वे के बाल कल्याण सेवा ने पिछले वर्ष मई में ‘भावनात्मक अलगाव’ के मुद्दे पर बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया था।
(इनपुट भाषा से भी)
सीडब्लयूएस के संचार सलाहकार थॉमस बोरे ओल्सेन ने ईमेल के माध्यम से जारी एक बयान में कहा, ‘बाल कल्याण मामले में सीडब्लयूएस अब दो भारतीय बच्चों का संरक्षण उनके चाचा को सौंपने की सिफारिश करता है। इस मामले में अंतिम फैसला 17 अप्रैल को स्तावनगैर जिला अदालत करेगी।’
उन्होंने कहा कि अगर अदालत यह निर्णय करती है कि बच्चों को सरकारी अधिकारियों के संरक्षण से हटा दिया जाना चाहिए, ‘जितनी जल्दी मुमकिन हो समझौते को लागू किया जाना चाहिए। चाचा बच्चों को अपने संरक्षण में ले सकते हैं और उन्हें भारत वापस ले जा सकते हैं।’ नार्वे के बाल कल्याण सेवा ने पिछले वर्ष मई में ‘भावनात्मक अलगाव’ के मुद्दे पर बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया था।
(इनपुट भाषा से भी)
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