उत्तर कोरिया (North Korea) और दक्षिण कोरिया (South Korea) के बीच रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं. उत्तर कोरिया अक्सर अपने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया को न्यूक्लियर हमले की धमकी देता रहता है, लेकिन इस बार दुश्मनी निकालने के लिए उत्तर कोरिया गंदगी का इस्तेमाल कर रहा है. उत्तर कोरिया ने मंगलवार रात को दक्षिण कोरिया में गुब्बारे के सहारे कूड़ा-कचरा और यहां तक कि मल-मूत्र के बैग भेजे. दक्षिण कोरिया की मिलिट्री ने इसकी पुष्टि की है. इस बीच दक्षिण कोरिया ने भी कचरे से भरे गुब्बारों को बॉर्डर पर रख दिया है.
अमेरिकी अखबार 'द वॉशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के उपरक्षा मंत्री किम कांग इल ने रविवार को एक बयान में कहा, "जल्द ही सीमा क्षेत्रों और रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) के अंदरूनी हिस्सों में बेकार कागज और गंदगी के ढेर बिखरे होंगे. दक्षिण कोरिया को इस बात का अहसास होगा कि इसे हटाने के लिए कितने मशक्कत करनी पड़ेगी.' इसके बाद भी कचरे के बैग को रस्सी से बांधकर उन्हें गुब्बारों के सहारे दक्षिण कोरिया भेजा गया.
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दक्षिण कोरिया की तरफ भेजे गए 260 गुब्बारे
रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार सुबह तक यहां 260 गुब्बारे देखे गए. दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ (JCS) ने इसकी तस्वीरें भी जारी की हैं. तस्वीरों में 2 बड़े गुब्बारों को रस्सी से बांधा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, गुब्बारे में एक प्लास्टिक बैग भी बंधा है, जिसमें मल-मूत्र भरा था. दक्षिण कोरिया की कई सड़कों पर ऐसा कूड़ा इकट्ठा हो गया है. वहां की सरकारी एजेंसिया इसकी जांच कर रही हैं. अधिकारियों ने लोगों को कचरे के बैग को नहीं छूने की सलाह दी है.
उत्तर कोरिया ने भी दिया बयान
उत्तर कोरिया के स्टेट मीडिया KCNA के मुताबिक, तानाशाह किम जोंग ने यह कदम इसलिए उठाया, क्योंकि दक्षिण कोरिया अकसर अपने प्रोपैगेंडा से जुड़े पर्चे उत्तर कोरिया पहुंचाता रहता है. उत्तर कोरिया ने कहा. "जब हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और हितों का उल्लंघन होगा, तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे."
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दक्षिण कोरिया से भी भेजे जाते रहे हैं गुब्बारे
रिपोर्ट के मुताबिक, अक्सर दक्षिण कोरियाई एक्टिविस्ट भी सीमा पार से उत्तर कोरिया की तरफ गुब्बारे भेजते रहे हैं. इन गुब्बारों पर प्योंगयांग की आलोचना करने वाले मैसेज लिखे हुए पर्चे चिपके होते हैं. इन गुब्बारों के भेजे जाने से दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ रहा था. 2022 में एक एक्टिविस्ट ग्रुप ने प्रोपैगेंडा वाले पर्चे गुब्बारे में भरकर भेजे थे.
1953 में दोनों को मिली अलग-अलग देश की मान्यता
दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया में जून 1950 में संघर्ष शुरू हुआ. इसको लेकर दुनिया दो धड़ों में बंट गई. अमेरिका और 15 देशों ने दक्षिण कोरिया का साथ दिया. साल 1953 में युद्ध खत्म हुआ और दो देशों को मान्यता दे दी गई. तब से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हैं.
दक्षिण कोरिया लोकतांत्रिक देश है. अमेरिका उसका सबसे बड़ा मित्र देश है. अमेरिका ने उसके विकास में बड़ी भूमिका निभाई है. दक्षिण कोरिया टेक्नोलॉजी के मामले में काफी एडवांस और संपन्न राष्ट्र है. जबकि उत्तर कोरिया किम परिवार के शासन में दुनिया से अलग-थलग ही होता गया है. वहां तानाशाही है.
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