वैज्ञानिक विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को माइक्रोआरएनए की खोज और जीन रेगुलेशन में इनकी भूमिका के लिए फिजियोलॉजी यानी मेडिसिन में 2024 का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. पुरस्कार देने वाली संस्था ने सोमवार को इसकी घोषणा की.
स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट मेडिकल यूनिवर्सिटी की नोबेल असेंबली द्वारा मेडिकल के लिए विजेताओं का चयन किया जाता है और उन्हें 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन ($1.1 मिलियन) की पुरस्कार राशि दी जाती है.
स्वीडिश डायनामाइट इनवेंटर और बिजनेस मैन अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक, 1901 से ये पुरस्कार दिया जाता है. ये प्राइज विज्ञान, साहित्य और शांति में सफलताओं के लिए दिए जाते रहे हैं, वहीं अर्थशास्त्र को इसमें बाद में जोड़ा गया है.
अलग-अलग संस्थाएं विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार देती हैं, लेकिन नोबेल द्वारा अपनी वसीयत लिखने के समय दोनों नॉर्डिक देशों के बीच मौजूद पॉलिटिकल यूनियन के परिणामस्वरूप स्टॉकहोम के बजाय ओस्लो में शांति पुरस्कार दिया जाने वाला ये एकमात्र प्राइज है.
पिछले साल का मेडिसिन प्राइज हंगरी के वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और अमेरिकी सहयोगी ड्रू वीसमैन को दिया गया था. उन्होंने महामारी पर अंकुश लगाने में मदद करने वाले COVID-19 टीकों के लिए अहम खोज की थी.
परंपरा से प्रेरित, विज्ञान, साहित्य और अर्थशास्त्र पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु की सालगिरह पर एक समारोह में ये पुरस्कार दिए जाते हैं. इसके बाद स्टॉकहोम सिटी हॉल में एक भव्य भोज का आयोजन किया जाता है. ओस्लो में शांति पुरस्कार के विजेता एक ही दिन अलग-अलग उत्सवों में भाग लेते हैं.
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