नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की फाइल फोटो
काठमांडू:
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में भारत द्वारा नेपाल में मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दे उठाने को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत की कड़ी आलोचना की है।
मीडिया से बात करते हुए ओली ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि भारत इस बात को आखिर कैसे नजरअंदाज कर सकता है कि नेपाल में शांति प्रक्रियाओं में खुद संयुक्त राष्ट्र भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ने इससे पहले कभी भी नेपाल के ट्रांजिशनल जस्टिस मैकनिजम या उसकी क्षमता को लेकर अपना मत सार्वजनिक नहीं किया था, लेकिन अब उसने सीधे इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा है।
गौरतलब है कि जिनेवा बैठक में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि 'युद्ध अपराधों और अत्याचारों को लेकर अपराधियों की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए, इसके साथ ही पुनर्मिलाप आयोग की कार्यवाही और उसकी सिफारिशों को महत्व दिया जाना चाहिए।'
भारत के इस कड़े रुख को लेकर नेपाल में उसकी काफी आलोचना हो रही है। प्रधानमंत्री ओली ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि 'कुछ समय पहले हमारे पड़ोसी देश के नेता नेपाल को युद्ध की धमकी दे रहे थे और अब वह दशकों पुराने मुद्दे को ताजा करने की कोशिश कर रहे हैं।'
वहीं भारत ने जोर देकर कहा कि नेपाली सरकार को भारतीय पक्ष की तरफ से वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा बन रहे राजनीतिक संकट का समाधान करना होगा। भारत ने कहा है कि नेपाल जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उसे बल प्रयोग के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता।
मीडिया से बात करते हुए ओली ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि भारत इस बात को आखिर कैसे नजरअंदाज कर सकता है कि नेपाल में शांति प्रक्रियाओं में खुद संयुक्त राष्ट्र भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ने इससे पहले कभी भी नेपाल के ट्रांजिशनल जस्टिस मैकनिजम या उसकी क्षमता को लेकर अपना मत सार्वजनिक नहीं किया था, लेकिन अब उसने सीधे इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा है।
गौरतलब है कि जिनेवा बैठक में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि 'युद्ध अपराधों और अत्याचारों को लेकर अपराधियों की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए, इसके साथ ही पुनर्मिलाप आयोग की कार्यवाही और उसकी सिफारिशों को महत्व दिया जाना चाहिए।'
भारत के इस कड़े रुख को लेकर नेपाल में उसकी काफी आलोचना हो रही है। प्रधानमंत्री ओली ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि 'कुछ समय पहले हमारे पड़ोसी देश के नेता नेपाल को युद्ध की धमकी दे रहे थे और अब वह दशकों पुराने मुद्दे को ताजा करने की कोशिश कर रहे हैं।'
वहीं भारत ने जोर देकर कहा कि नेपाली सरकार को भारतीय पक्ष की तरफ से वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा बन रहे राजनीतिक संकट का समाधान करना होगा। भारत ने कहा है कि नेपाल जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उसे बल प्रयोग के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद, संयुक्त राष्ट्र, नेपाल, केपी शर्मा ओली, मानवाधिकार उल्लंघन, भारत नेपाल संबंध, UNHRC, UN, United Nation, KP Sharma Oli, Human Rights Abuses, Indo-Nepal Relation