काहिरा:
मिस्र के मिन्या प्रांत में मुसलमानों की भीड़ ने सात ईसाई घरों पर हमला कर वहां आग लगा दी। ईसाई पुरूष की एक मुस्लिम महिला से प्रेम संबंधों की अफवाहें फैलने के बाद यह हमला किया गया। मिन्या राजधानी काहिरा के दक्षिण में स्थित है।
स्थानीय ऑथरेडॉक्स कोप्टिक गिरजाघर ने कल जारी किए गए एक बयान में कहा कि 20 मई को किए गए हमले के दौरान भीड़ ने एक ईसाई व्यक्ति की मां के सरेआम कपड़े फाड़ दिए। महिला गांव छोड़कर भाग गई थी। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि महिला को पीटा गया, अपमानित किया गया और पूरे गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया। उन्होंने कहा कि भीड़ में 300 पुरूष थे। अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी, क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
रूढ़िवादी देश में मुस्लिम और ईसाई दोनों ही समाज में अविवाहित युगलों में विवाहेतर संबंध या यौन संबंध को वर्जना समझा जाता है। इस तरह के संबंधों में लिप्त पाए जाने वाले ग्रामीण इलाकों में अकसर हिंसा का शिकार बनते हैं।
मिन्या के शीर्ष पादरी अन्बा माकारियोस के बयान के अनुसार, पुलिस हमला शुरू होने के करीब दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची और छह लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि ईसाई व्यक्ति के परिवार ने हमले से पहले पुलिस को मुस्लिम गांव वालों से खतरे की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
मिस्र की नौ करोड़ की आबादी में करीब दस प्रतिशत हिस्सा ईसाइयों का है। ईसाई मुस्लिम बहुल देश में भेदभाव की शिकायत करते रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
स्थानीय ऑथरेडॉक्स कोप्टिक गिरजाघर ने कल जारी किए गए एक बयान में कहा कि 20 मई को किए गए हमले के दौरान भीड़ ने एक ईसाई व्यक्ति की मां के सरेआम कपड़े फाड़ दिए। महिला गांव छोड़कर भाग गई थी। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि महिला को पीटा गया, अपमानित किया गया और पूरे गांव में निर्वस्त्र घुमाया गया। उन्होंने कहा कि भीड़ में 300 पुरूष थे। अधिकारियों ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर यह जानकारी दी, क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
रूढ़िवादी देश में मुस्लिम और ईसाई दोनों ही समाज में अविवाहित युगलों में विवाहेतर संबंध या यौन संबंध को वर्जना समझा जाता है। इस तरह के संबंधों में लिप्त पाए जाने वाले ग्रामीण इलाकों में अकसर हिंसा का शिकार बनते हैं।
मिन्या के शीर्ष पादरी अन्बा माकारियोस के बयान के अनुसार, पुलिस हमला शुरू होने के करीब दो घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची और छह लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि ईसाई व्यक्ति के परिवार ने हमले से पहले पुलिस को मुस्लिम गांव वालों से खतरे की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
मिस्र की नौ करोड़ की आबादी में करीब दस प्रतिशत हिस्सा ईसाइयों का है। ईसाई मुस्लिम बहुल देश में भेदभाव की शिकायत करते रहे हैं।
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