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This Article is From Nov 06, 2013

नजरबंदी के छह महीने बाद रिहा हुए परवेज मुशर्रफ

नजरबंदी के छह महीने बाद रिहा हुए परवेज मुशर्रफ
पूर्व जनरल परवेज मुशर्रफ का फाइल फोटो
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ नजरबंदी के छह महीने बाद पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या सहित सभी चार बड़े मामलों में जमानत मिलने के बाद बुधवार को रिहा हो गए।

मुशर्रफ (70) ने लाल मस्जिद के एक मौलवी की हत्या के मामले में एक अदालत से जमानत मिलने के दो दिन बाद आज एक-एक लाख रुपये के दो जमानत बांड जमा कराए। इस्लामाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने 4 नवंबर को 70 वर्षीय मुशर्रफ से एक-एक लाख रुपये के दो जमानत बांड जमा करने को कहा था।

उनके वकील इलियास सिद्दीकी ने कहा, ‘मुशर्रफ अब एक आजाद शख्स हैं।’ मुशर्रफ को इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित फार्महाउस में रखा गया था और इस फार्महाउस को ही ‘उप कारागार’ घोषित किया गया था। जल्द ही फार्महाउस को उप कारागार घोषित करने संबंधी अधिसूचना को वापस ले लिया जाएगा।

मुशर्रफ की पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एपीएमएल) की प्रवक्ता आसिया इसहाक ने बताया, ‘उप कारागार संबंधी अधिूसचना को जल्द वापस लिया जाएगा। मुशर्रफ जल्द ही मीडिया से बात करेंगे।’ उधर, रावलपिंडी की आदियाला जेल के कर्मचारी चक शहजाद स्थित मुशर्रफ फार्महाउस में तैनात हैं।

एपीएमएल के नेता और समर्थक फार्महाउस के बाहर जमा हुए और मिठाइयां बांटीं। बड़े पैमाने पर मीडिया के लोग भी वहां मौजूद थे।

मुशर्रफ के कानूनी के दल के प्रमुख सदस्य अहमद रजा कसूरी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की रिहाई किसी सौदे के तहत नहीं हुई है।

मुशर्रफ को अब सभी मामलों में जमानत मिल गई है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या, बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या और 2007 में आपातकाल की घोषणा मामले शामिल हैं। मार्च में स्वनिर्वासन से लौटने के बाद मुशर्रफ के खिलाफ इन तमाम अपराधों के सिलसिले में मामले दर्ज किए गए थे।

मुशर्रफ अभी ‘एग्जिट कंट्रोल लिस्ट’ में हैं, जिसका यह मतलब है कि वह देश छोड़कर नहीं जा सकते। उनकी पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय राजनीति में लौटेंगे।

आसिया इसहाक ने पहले कहा था, ‘उनका नाम चाहे लिस्ट में हो या नहीं, वह देश छोड़कर नहीं जा रहे। वह जल्द ही मैदान में उतरेंगे और अपना राजनीतिक अभियान शुरू करेंगे। वह जब वापस लौटे थे तो जानते थे कि उनके साथ यह सब होगा इसलिए उनके देश से बाहर जाने का कोई सवाल नहीं है।’

पुलिस उन्हें लाल मस्जिद के मौलवी अब्दुल राशिद गाजी की हत्या के मामले में पहले ही ‘निर्दोष’ करार दे चुकी है।

मुशर्रफ मई के आम चुनाव में भाग लेने के लिए पाकिस्तान लौटे थे और वह पिछले छह महीने से अपने फार्म हाउस मे नजरबंद थे। करीब 300 सुरक्षाकर्मी उनके फार्महाउस को घेरे हुए थे।

उन्हें गाजी और उनकी मां साहिबा खातून की हत्या के मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।

मुशर्रफ ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख के पद पर रहते हुए वर्ष 2007 में लाल मस्जिद में छिपे उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाने का आदेश दिया था। इस दौरान करीब 100 लोग मारे गए थे, जिनमें गाजी शामिल थे।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर मुशर्रफ के खिलाफ 2 सितंबर को मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन पर राशिद और उसकी मां की हत्या का आरोप था। मुशर्रफ के मामले पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।

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