"कोई नियम नहीं तोड़े गए" मॉरीशस के वित्त मंत्री ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से किया खारिज

मॉरीशस के वित्तीय मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने वहां की संसद को बताया कि मॉरीशस में कोई शेल कंपनी नहीं है. इसलिए हिंडनबर्ग के आरोप झूठे और निराधार हैं.

नई दिल्ली:

मॉरीशस के वित्त मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Research) में मॉरीशस में कथित शेल कंपनियां को लेकर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं. NDTV से खास बातचीत में महेन कुमार सीरुत्तन कहा कि उनके देश में शेल कंपनियों (Shell Companies) की कोई अनुमति नहीं है. मॉरीशस ओइसीडी के टैक्स नियमों का पूरी तरह अनुपालन करता है. सीरुत्तन ने इससे पहले बुधवार को मॉरीशस की संसद में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए मॉरीशस के वित्त मंत्री महेन कुमार सीरुत्तन ने कहा, "अदाणी ग्रुप पर लगाए गए हिंडनबर्ग के आरोप निराधार है. मॉरीशस का वित्तीय आयोग, जो भारत के सेबी के समकक्ष है; उसने व्यापक जांच की है. अभी तक ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे साबित हो कि अदाणी ग्रुप से जुड़ी 38 कंपनियों और 11 फंड ने कुछ गलत किया है. कंपनी की तरफ से किसी भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया."

क्या मॉरीशस के अधिकारियों ने हिंडनबर्ग केस पर सेबी के साथ जानकारी शेयर की है? इस सवाल के जवाब में सीरुत्तन ने कहा कि जानकारियां हर समय शेयर की जाती हैं. अगर इस खास मामले में सेबी की ओर से कोई अनुरोध आता है, तो मुझे कोई जानकारी शेयर करने में दिक्कत नहीं है."

सीरुत्तन ने कहा, "मैं आपको बता सकता हूं कि मॉरीशस में कोई हानिकारक टैक्स प्रथा नहीं है. टैक्स हेवन देश होने के बारे में हमें ओईसीडी ने व्हाइट लिस्टेड किया है. लिहाजा जब हमने इसका अनुपालन किया है, तो हमें संदेह की नज़र से नहीं देखा जाना चाहिए."

मॉरीशस के वित्त मंत्री ने हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता बिजनेस और निवेशक समुदाय को भरोसा दिलाना है. मॉरीशस के मंत्री ने एनडीटीवी से कहा, "सच्चाई जानने वाली कंपनियां हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट के आधार पर कोई फैसला नहीं लेंगी."

महेन कुमार सीरुत्तन ने कहा, "हमने मॉरीशस में ग्लोबल बिजनेस कंपनियां के लिए एक बहुत मजबूत ढांचा स्थापित किया है. हमारा ग्लोबल बिजनेस एरिया आज अच्छी तरह से रेगुलेटेड है. वित्तीय सेवा आयोग व्यापार लाइसेंस देने से पहले यह सुनिश्चित करता है कि कंपनी हमारे कानूनों में निर्धारित शर्तों को पूरा करेगी."

उन्होंने कहा कि कोई बिजनेस या कंपनी जो मॉरीशस में बेस बनाना चाहती है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि देश के कानूनों द्वारा जरूरी शर्तें पूरी की जानी चाहिए. उन्हें पहले देश में या देश से मुख्य आय-सृजन करने वाले कामों को पूरा करना होगा. ऐसी कंपनियों को मॉरीशस से मैनेज और कंट्रोल किया जाना चाहिए. मॉरीशस में ऐसी कंपनियों के कम से कम 2 लोकल डायरेक्टर होने चाहिए. 

वित्त मंत्री ने कहा,  "देश में इन कंपनियों के प्रमुख बैंक अकाउंट मेंटेन रहने चाहिए. मॉरीशस के रजिस्टर्ड ऑफिस में हर समय उनके अकाउंटिंग रिकॉर्ड अपडेट रहने चाहिए. ऐसी कंपनियों का फाइनेंशियल स्टेटमेंट तैयार रहना चाहिए."

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हिंडनबर्ग के आरोप झूठे, हमारे यहां अदाणी ग्रुप की कोई शेल कंपनी नहीं: मॉरीशस के वित्त मंत्री



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