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फिलिस्तीन समर्थक छात्र नेता महमूद खलील ने ट्रंप सरकार पर किया केस, 100 दिन की जेल के बदले मांगे ₹171 करोड़

महमूद खलीद अपने झूठे कारावास और दुर्भावना से प्रेरित होकर उनपर मामला चलाने के लिए ट्रंप प्रशासन से 20 मिलियन डॉलर (लगभग 171 करोड़ रुपए) की मांग कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए कोर्ट में केस दायर कर दिया है.

फिलिस्तीन समर्थक छात्र नेता महमूद खलील ने ट्रंप सरकार पर किया केस, 100 दिन की जेल के बदले मांगे ₹171 करोड़
फिलिस्तीन समर्थक छात्र नेता महमूद खलील ने ट्रंप सरकार पर किया केस
  • कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र महमूद खलील को अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने 100 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा था.
  • खलील ने ट्रंप प्रशासन पर झूठे कारावास और दुर्भावना के आधार पर 20 मिलियन डॉलर का मुकदमा दायर किया है.
  • खलील अमेरिका में कानूनी स्थायी निवासी हैं, उन्होंने अमेरिकी नागरिक से शादी की है और उनका एक अमेरिकी मूल का बेटा है.
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कोलंबिया यूनिवर्सिटी के छात्र और फिलिस्तीन समर्थक एक्टिविस्ट महमूद खलील को अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों (जिनका काम अवैध प्रवासियों को पकड़ना है) ने 100 दिनों से अधिक समय तक हिरासत में रखा था. अब रिहा होने के बाद महमूद खलीद अपने झूठे कारावास और दुर्भावना से प्रेरित होकर उनपर मामला चलाने के लिए ट्रंप प्रशासन से 20 मिलियन डॉलर (लगभग 171 करोड़ रुपए) की मांग कर रहे हैं. AFP की रिपोर्ट  के अनुसार उन्होंने इसके लिए कोर्ट में केस दायर कर दिया है.

खलील अमेरिका में एक कानूनी स्थायी निवासी हैं. उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक से शादी की है और उसका एक अमेरिकी मूल का बेटा है. वो मार्च में अपनी गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में थे.  एक जज द्वारा जमानत पर रिहा करने का आदेश देने के कुछ घंटों बाद 30 वर्षीय खलील को पिछले महीने लुइसियाना में एक फेडरल इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर से रिहा कर दिया गया था.

खलील का समर्थन करने वाले संवैधानिक अधिकार केंद्र के अनुसार दायर दावे में कहा गया है, ''प्रशासन ने मिस्टर खलील को गिरफ्तार करने, हिरासत में लेने और निर्वासित करने की अपनी अवैध योजना को 'उन्हें और उनके परिवार को आतंकित करने के लिए'' अंजाम दिया.''  दावे में कहा गया है कि खलील को "गंभीर भावनात्मक संकट, आर्थिक कठिनाई (और) उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है." 

ट्रंप के निशाने पर खलील

गौरतलब है कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट खलील गाजा में अमेरिकी सहयोगी इजरायल के युद्ध के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरा थे. ट्रंप प्रशासन ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया था.

खलील ने अपने मुकदमे को "जवाबदेही की दिशा में पहला कदम" बताया. उन्होंने बयान में कहा, "मुझसे चुराए गए 104 दिनों को कोई वापस नहीं ला सकता. आघात, मेरी पत्नी से अलगाव, मेरे पहले बच्चे का जन्म जिसे मुझे छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा… राजनीतिक प्रतिशोध और सत्ता के दुरुपयोग के लिए जवाबदेही होनी चाहिए."

अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग के सहायक सचिव ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने इस केस पर कहा, "ट्रंप प्रशासन ने खलील को हिरासत में लेने के लिए अपने वैधानिक और संवैधानिक अधिकार के भीतर अच्छा काम किया, जैसा कि यह किसी भी विदेशी के साथ करता है जो हिंसा की वकालत करता है, आतंकवादियों का महिमामंडन और समर्थन करता है, यहूदियों को परेशान करता है और संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है."
 

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