
जिस बात के कयास पिछले कई दिनों से लगाए जा रहे थे, शनिवार देर रात वह सब सच हो गए. ईरान और इजरायल की जंग में अमेरिका की भी एंट्री हो गई और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद ईरान के तीन अहम परमाणु अड्डों को निशाना बनाया गया है. अमेरिका ने ईरान के फॉर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है. खासबात है कि शनिवार को ही इजरायल ने इस्फहान को टारगेट किया था लेकिन उसे ज्यादा सफलता नहीं मिल सकी. एक नजर डालिए इन तीनों ही परमाणु ठिकानों के बारे में कि आखिर ये हैं क्या और क्यों इजरायल इन्हें अकेले नष्ट नहीं कर पा रहा था.
फोर्डो न्यूक्लियर साइट
इजरायल ने पिछले दिनों ईरान की कई परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने की कोशिशें की थीं लेकिन वह उसकी एक अहम न्यूक्लियर साइट को निशाना नहीं बना सका और वह था फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट न्यूक्लियर प्लांट. यह एक हैवी सिक्योरिटी वाला बेस है जो एक पहाड़ के 80 मीटर की गहराई में दबा हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बेस हर तरह के हवाई हमले को झेल सकता है और सिर्फ अमेरिका के पास ही इसे तबाह करने की क्षमता है. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इजरायल ने भले ही अपने सीक्रेट मिशन और सैन्य पहुंच से पश्चिमी इंटेलीजेंय एजेंसियों को चौंका दिया हो लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं है कि उसके पास फोर्डो की सुरक्षा को भेदने के लिए पर्याप्त हथियार हैं.
इस्फहान में चीनी रिएक्टर्स
इसमें अनेक सुविधाएं हैं जो येलोकेक को यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड में परिवर्तित करती हैं, रिएक्टर फ्यूल का प्रोडक्शन करती हैं और इसके अलावा परमाणु हथियारों के लिए यूरेनियम धातु बनाती हैं. इस्फहान न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी सेंटर तेहरान से करीब 350 किलोमीटर (215 मील) दक्षिण-पूर्व में स्थित इस्फहान सिटी में हैं जहां पर हजारों परमाणु वैज्ञानिक काम करते हैं. यहां देश के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े तीन चीनी रिसर्च रिएक्टर्स और लैब्स भी हैं.
नातांज सबसे अहम
ईरान के दक्षिण में स्थित नातांज न्यूक्लियर साइट देश की सबसे बड़ी और ईरान का सबसे ज्यादा सोफिस्टीकेटेड एनरिचमेंट साइट है. नातांज में हजारों एडवांस्ड सेंट्रीफ्यूज हैं, जिनमें से कुछ 60 फीसदी तक न्यूक्लियर को एनरिच कर सकते हैं. यह जगह लंबे समय से ईरान के परमाणु प्रयासों का केंद्र बिंदु रही है और हर बार इसे निशाना बनाने की कोशिशें की गई हैं. हाल के कुछ सालों में ईरान ने गहरे अंडरग्राउंड इनफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शुरू कर दिया था जिसे जिसके बाद पुराने पांरंपरिक तरीकों से इसे नष्ट करना मुश्किल हो गया था.
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