नई दिल्ली/रोम:
दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में आरोपी नौसैनिकों शुक्रवार की शाम भारत लौट आए हैं। इससे पहले भारत की सरकार ने इटली की सरकार को आश्वासन दिया था कि दोनों को फांसी की सजा नहीं दी जाएगी। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि दोनों ही नौसैनिकों को अब गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा दोनों इटली के दूतावास में रह सकते हैं और हफ्ते में एक बार नजदीक के पुलिस स्टेशन पर जाना होगा।
बता दें कि दोनों देशों के बीच समझौता है कि कोई भी सजायाफ्ता अपने देश की जेल में सजा काट सकता है। आज दोनों नौसैनिक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे। भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पैरोल की दी गई मियाद आज खत्म हो रही थी। सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यदि दोनों नौसैनिक तय मियाद के भीतर वापस आ जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
इटली के विदेश उपमंत्री स्तीफन डी मिसतूरा ने शुक्रवार की शाम इतालवी राजदूत दानयेल मांचिनी के साथ विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद से मुलाकात की।
मिस्तुरा ने कहा कि मरीन की सुनवाई के लिए जल्द से जल्द एक विशेष अदालत स्थापित की जानी चाहिए। हमें न्याय और स्पष्टता चाहिए। मिस्तुरा ने कहा कि यदि विशेष अदालत की कार्यवाही जल्द से जल्द और प्रभावशाली ढंग से हो तो हम इसमें हिस्सा लेने की स्थिति पर अडिग हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौसैनिकों की वापसी पर कहा था कि उन्हें खुशी है कि भारतीय न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बरकरार रही।
दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप का सामना कर रहे इटली के दो नौसैनिक अदालती कार्यवाही का सामना करने के लिए शुक्रवार की शाम भारत लौट आए। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "इतालवी नौसैनिक भारत पहुंच गए हैं।"
इस महीने के शुरू में इटली ने अपने दोनों आरोपी नौसैनिकों मैस्सिमिलिआनो लाटोर्रे और सल्वाटोरे गिरोने को वापस भेजने से मना कर दिया था। इटली सरकार के इस कदम के बाद भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना की।
आरोपी नौसैनिक तेल वाहक पोत एमवी एनरिका लैक्सी पर सुरक्षा के लिए तैनात थे। 15 फरवरी को आरोपी नौसैनिकों ने केरल के तट पर मछली पकड़ रहे दो मछुआरों पर समुद्री लुटेरा होने के संदेह में गोलीबारी की। गोलीबारी में दोनों मछुआरे अजेश बिन्की और गैलेस्टिन मारे गए।
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को दोनों आरोपी नौसैनिकों को इटली में हो रहे आम चुनाव में वोट देने के लिए स्वदेश लौटने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि वे चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे।
इटली ने 11 मार्च को भारत सरकार को सूचित किया कि वह अपने नौसैनिकों को नहीं भेज रहा है जिस लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया।
इस मामले में अदालत को आरोपियों के लौट आने का भरोसा देने वाले इटली के राजदूत डेनिएल मैन्सिनी को सर्वोच्च न्यायालय ने भारत छोड़ने पर पाबंदी लगा दी।
बता दें कि दोनों देशों के बीच समझौता है कि कोई भी सजायाफ्ता अपने देश की जेल में सजा काट सकता है। आज दोनों नौसैनिक विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे। भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें पैरोल की दी गई मियाद आज खत्म हो रही थी। सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यदि दोनों नौसैनिक तय मियाद के भीतर वापस आ जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
इटली के विदेश उपमंत्री स्तीफन डी मिसतूरा ने शुक्रवार की शाम इतालवी राजदूत दानयेल मांचिनी के साथ विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद से मुलाकात की।
मिस्तुरा ने कहा कि मरीन की सुनवाई के लिए जल्द से जल्द एक विशेष अदालत स्थापित की जानी चाहिए। हमें न्याय और स्पष्टता चाहिए। मिस्तुरा ने कहा कि यदि विशेष अदालत की कार्यवाही जल्द से जल्द और प्रभावशाली ढंग से हो तो हम इसमें हिस्सा लेने की स्थिति पर अडिग हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौसैनिकों की वापसी पर कहा था कि उन्हें खुशी है कि भारतीय न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा बरकरार रही।
दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोप का सामना कर रहे इटली के दो नौसैनिक अदालती कार्यवाही का सामना करने के लिए शुक्रवार की शाम भारत लौट आए। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "इतालवी नौसैनिक भारत पहुंच गए हैं।"
इस महीने के शुरू में इटली ने अपने दोनों आरोपी नौसैनिकों मैस्सिमिलिआनो लाटोर्रे और सल्वाटोरे गिरोने को वापस भेजने से मना कर दिया था। इटली सरकार के इस कदम के बाद भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया और विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना की।
आरोपी नौसैनिक तेल वाहक पोत एमवी एनरिका लैक्सी पर सुरक्षा के लिए तैनात थे। 15 फरवरी को आरोपी नौसैनिकों ने केरल के तट पर मछली पकड़ रहे दो मछुआरों पर समुद्री लुटेरा होने के संदेह में गोलीबारी की। गोलीबारी में दोनों मछुआरे अजेश बिन्की और गैलेस्टिन मारे गए।
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी को दोनों आरोपी नौसैनिकों को इटली में हो रहे आम चुनाव में वोट देने के लिए स्वदेश लौटने की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि वे चार सप्ताह के भीतर भारत लौट आएंगे।
इटली ने 11 मार्च को भारत सरकार को सूचित किया कि वह अपने नौसैनिकों को नहीं भेज रहा है जिस लेकर दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया।
इस मामले में अदालत को आरोपियों के लौट आने का भरोसा देने वाले इटली के राजदूत डेनिएल मैन्सिनी को सर्वोच्च न्यायालय ने भारत छोड़ने पर पाबंदी लगा दी।
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